दोस्तों योनि को प्रकृति ने संभोग के लिए ही रचा है। और योनि की न केवल संरचना इस तरह बनाई गई है, कि वह लिंग को अपने अंदर ले सके, बल्कि उत्तेजना के समय योनि में प्राकृतिक रूप से लुब्रिकेशन होता है, और योनि चिकनी हो जाती है। साथ ही साथ योनि का आकार भी बढ़ जाता है, ताकि वह लिंग को अपने अंदर ले सके।

गुदा मैथुन को मैथुन के लिए प्रकृति ने नही रचा है, लेकिन पुरुष गुदा मैथुन करना पसंद करते हैं।
लेकिन गुदा के साथ ऐसा नहीं होता है। गुदा को संभोग क्रिया के लिए प्रकृति ने नहीं रचा है। यही कारण है, कि गुदामैथुन को करने में काफी दर्द हो सकता है। और जब एक सर्वे किया गया, तो उसमें 86% लोगों ने बताया, कि उन्हें गुदामैथुन में दर्द हुआ। जबकि केवल 9% लोगों ने बताया कि गुदामैथुन में उनको दर्द नहीं हुआ। इनमें से 36% लोगों ने यह भी बताया, कि दर्द के साथ-साथ उन्होंने गुदामैथुन को इंजॉय किया,
जबकि आपको जानकर हैरानी होगी, कि 64% लोगों ने दर्द के कारण गुदामैथुन को बीच में ही रोक दिया। तो देखिए अगर यह कहा जाए, घुमा फिरा कर, कि गुदामैथुन में दर्द नहीं होता है, तो यह बात तो बेमानी हो जाएगी, कि गुदामैथुन में दर्द होता नही होता है, लेकिन यह भी सच है, कि गुदामैथुन में होने वाले दर्द को कम किया जा सकता है, या बिल्कुल खत्म भी किया जा सकता है, और गुदामैथुन को वो व्यक्ति भी इन्जॉय कर सकता है, जिसके साथ गुदामैथुन किया जा रहा है।

पुरुष गुदा मैथुन क्यों करना चाहते हैं?

गुदा योनि से अधिक टाइट होती है।
पुरुषों की बड़ी तादाद ऐसी होती है, कि वह योनि के ऊपर गुदा को तरजीह देते हैं, और इसकी वजह यह होती है, कि गुदा, योनि की तुलना में कई गुना ज्यादा टाइट होती है, जिसकी वजह से उनको गुदामैथुन में अधिक आनंद आता है।
समलैंगिक पुरुषों के लिए मैथुन का एकमात्र साधन
दूसरी बात यह है, कि जो समलैंगिक पुरुष होते हैं, उनके लिए गुदामैथुन ही संभोग क्रिया होती है, और बड़ी संख्या में समलैंगिक पुरुष गुदामैथुन को इंजॉय करते हैं।
तो बात चाहे समलैंगिक पुरुषों की हो, या विषम लैंगिक पुरुषों की, दोनों ही, जो गुदामैथुन कर रहे हैं, उनके लिए तो ये क्रिया बहुत आनंद आई होता है। लेकिन जिसके साथ गुदामैथुन किया जा रहा है, उसके लिए वह कष्टदाई ना हो, और वह भी उसको इंजॉय कर सके, इस बारे में हम यहां बात करेंगे, कि गुदामैथुन का सही तरीका क्या होता है, ताकि जिसके साथ गुदामैथुन किया जा रहा है, उसको दर्द ना हो, और वह भी उसको इंजॉय कर सके।
क्या जिसके साथ गुदा मैथुन किया जा रहा है, वो भी गुदा मैथुन को इन्जॉय कर सकता है?
अगर दर्द की बात भी छोड़ दी जाए दोस्तों, तो कोई सैक्स partner, गुदामैथुन को किस कंडीशन में इंजॉय कर सकता है. जबकि गुदा में sensual receptor नही होते हैं, जो संभोग सुख प्रदान कर सकें।
लेकिन यहाँ पर ये बात भी ध्यान देने योग्य है, कि शरीर के विभिन्न भागों पर चुंबन लेने भी तो शरीर के विभिन्न भागों पर जब प्रेमी प्रेमिका चुंबन लेते हैं, तो उनको आनंद आता है, तो ऐसे ही जब गुदा में लिंग जैसी संवेदनशील अंग जाता है, तो अगर दर्द ना हो, तो निश्चित रूप से सैक्स पार्टनर अपनी गुदा में लिंग को एंजॉय करेगा, और उसको आनंद आएगा। तो यहां पर ज़रूरत है, इस तरह से गुदा मैथुन करने की, कि जिसके साथ गुदामैथुन किया जा रहा है, जो आपका प्रेमी है, या आपकी प्रेमिका है, उसको दर्द ना हो. तो चलिए शुरू करते हैं, और जानते हैं, बिना दर्द गुदा मैथुन करने का क्या तरीका होता है।
गुदामैथुन में जरूरी है धैर्य और संयम।

गुदामैथुन में कोई जल्दबाजी नहीं की जानी चाहिए। अगर गुदामैथुन जल्दबाजी में आप करने की सोच रहे हैं, तो दर्द के सिवा कुछ नहीं होगा, और आपका अनुभव बहुत ही खराब हो जाएगा।
जब योनि संभोग किया जाता है, तो एक तरह का सेक्स होता है quikie बोलते हैं। यह ऐसा सेक्स होता है, जिसको प्रेमी युगल एक छोटा सा अवसर मिलते ही इसको ट्राई कर लेता है, और तीन-चार मिनट के अंदर, वह जल्दी-जल्दी सेक्स क्रिया को कर लेता है, और ऐसा इसलिए संभव हो पाता है, की योनि बहुत जल्दी सेक्स के लिए तैयार हो जाती है, और उसमें लुब्रिकेशन हो जाता है, और वह लिंग को आसानी तो अपने अंदर एडजस्ट कर लेती है।
गुदा मैथुन में क्विकी संभोग नही किया जाना चाहिय ।

लेकिन जब बात गुदामैथुन की हो तो ऐसा आपको बिल्कुल नहीं करना चाहिए। गुदामैथुन के लिए आपके पास कई घंटे होने चाहिए, और आप दोनों ही का मन शांत होना चाहिए। क्योंकि आपको पूरे धैर्य की जरूरत होती है। जल्दबाजी आपको बिल्कुल नहीं करनी होती है।
बिना दर्द गुदा मैथुन की पहली शर्त – शरीर बिल्कुल रीलैक्स होना चाहिए

गुदामैथुन में दूसरी सबसे ध्यान रखने वाली बात होती है, कि जिसके साथ गुदामैथुन किया जाना है, यानी जिसकी गुदा में लिंग डाला जाना है, उसके मन में किसी भी तरह का भय नहीं होना चाहिए, और उसे पूरी तरह से रिलैक्स फील कराना होता है।
आप अपने सेक्स पार्टनर को, जिसके साथ आप गुदामैथुन करने वाले हैं, उसको मसाज दे सकते हैं। उसके कूल्हों की मालिश कर सकते हैं। उसके पूरे शरीर को रिलैक्स कर सकते हैं, उसकी head मसाज कर सकते हैं। ऐसा करने से उसका मन शांत होता है, और उसके शरीर की सारी मांसपेशियां ढीली पड़ जाती हैं, और गुदा की मांसपेशियां भी काफी हद तक रिलैक्स हो जाती है।
दूसरी शर्त – ज़्यादा से ज़्यादा lubricant या चिकने पदार्थ का प्रयोग

चूंकि गुदा में naturally कोई लुब्रिकेशन नहीं होता है, और गुदा, संभोग के दौरान चिकनी नहीं होती है, तो आपके पास पर्याप्त मात्रा में कोई लुब्रिकेंट होना चाहिए, या तो आप कोई सुरक्षित सीरम इस्तेमाल कर सकते हैं, या कोकोनट ऑयल इस्तेमाल कर सकते हैं। कोकोनट ऑयल
आप लूब्रकन्ट से उसके कूल्हों की मसाज करें, और धीरे-धीरे गुदाद्वार जो होता है, जिसको एनस बोलते हैं, ass rim बोलते हैं। उस पर कोकोनट ऑयल लगाकर, गोल-गोल उंगलियों से उन मसल्स को रिलैक्स कराएं। ऐसा करने से गुदा की मांसपेशियाँ, जिनको anal sphincter बोलते हैं, वो और ढीली पड़ेगी, ये मांसपेशियाँ गुदा को कसने का काम करता है।
अब धीरे धीरे अपने एक उंगली, गुदा में हल्की सी अंदर डालकर, गोल-गोल घुमाते जाएं, और कोकोनट ऑयल का इस्तेमाल करते जाएं।
जब आपको लगे, कि गुदा की मांसपेशियां काफी हद तक ढीली हो गई हैं, और आपकी उंगली भी अब कम से कम एक तिहाई उंगली गुदा के अंदर आसानी से जा रही है। तब आप अपने पार्टनर की गुदा में लिंग डालना शुरू करें।
तीसरी शर्त – लिंग डालते समय पूरा संयम बरतें और बिल्कुल भी जल्दबाज़ी न करें

अब यहां पर ज़रूरत होती है, बहुत ही धीरे-धीरे पेनिट्रेशन करने की. सबसे पहला जो आप का टारगेट होता है, वह लिंग की टोपी को गुदा में धंसाना होता है।
इसके लिए आप अपने लिंग को भी, पर्याप्त मात्रा में लूब्रिकैट कर लें, और बहुत धीरे-धीरे गुदा में, लिंग की टोपी डालना शुरू करें। क्योंकि लिंग की टोपी अपने आप में काफी कोमल होती है, तो यह गुदाद्वार में धँसनी शुरू हो जाएगी। बहुत धीरे-धीरे गुदाद्वार में लिंग की टोपी धँसाए। धँसाने का भी एक तरीका होता है। टोपी को हल्का आगे पीछे करते हुए ही धँसातें।
जब आपकी लिंग की टोपी पूरी गुदा के अंदर चली जाए, उसके बाद आगे बढ़ने की कोशिश ना करें, बल्कि वहीं पर आप लिंग की टोपी को लगभग दो-तीन मिनट तक ऐसे ही आगे पीछे करते रहे। कुछ ही देर में आपको महसूस होगा, कि गुदा के अंदर लिंग की टोपी रास्ता बना रही है, और गुदा द्वार खुल रहा है। धीरे-धीरे गुदाद्वार अंदर से और ढीला होता चला जाएगा, क्योंकि आपके साथी को भी इसमें मज़ा आने लगेगा, और उसकी गुदा रिलैक्स होने लगेगी। यहाँ पर आप अपने साथी को guide भी कर सकते हैं, कि वो अपनी गुदा को जितना हो सके उतना ढीला छोड़े रखे।
जब आपको फील हो, कि लिंग गुदा में और अंदर तक जा सकता है, तो आप उसको थोड़ा सा और अंदर करने की कोशिश करें। यहां पर धैर्य बनाएं, कि बस मिलीमीटर्स में ही आप लिंग को आगे बढ़ाएं। एकदम से बहुत ज़्यादा आगे ना बढ़ाए, बल्कि धीरे-धीरे आप लिंग को वहीं पर आगे पीछे करते रहें, और मिलीमीटर , मिलीमीटर करके गुदा में धँसाते जाएं। इस पॉइंट पर अगर कहीं भी आपके पार्टनर को अनकंफरटेबल फील होता है, तो तुरंत ही रुक जाएं, और उसकी बॉडी पर किस करना शुरू कर दें। ताकि उसका ध्यान बंटे , और उस दौरान आप, और धीरे-धीरे फिर लिंग को गुदा में बताएं।
ऐसा करते-करते, धीरे-धीरे जब आपको लगे, कि आपका लिंग गुदा में अच्छी खासी गहराई तक पहुंच गया है, तो आप गुदामैथुन को इंजॉय करना शुरू कर देंगे, और धक्कों की गति भी बढ़ा सकते हैं। यहां पर एक बात ध्यान रखने वाली यह भी है, कि कभी-कभी ऐसा होता है, कि कुछ मर्दों का लिंग अधिक लंबा होता है, तो उसी स्थिति में वह गुदा में पूरी तरह जा ही नहीं पाएगा। इस दशा में आप ज़बरदस्ती ना करें, और जितना लिंग आपका पार्टनर गुदा में लेने के लिए कंफर्टेबल होगा, उतना ही लिंग गुदा में डालें। और वही तक आप गुदामैथुन करते रहें, और उतनी ही गहराई तक गुदा में धक्के लगाएं।
सारांश
तो लास्ट में बस मैं यही कहना चाहूंगी, कि अगर बिना दर्द के गुदामैथुन किया जाता है, तो जिसकी गुदा में आप लिंग डालते हैं, वह भी गुदामैथुन को इंजॉय कर पाएगा, और इस तरह गुदा मैथुन करने में आप सुरक्षित रूप से सफल हो पाएंगे।
ये भी याद रखें
और हां, एक बात यह भी मैं add करना चाहूंगी, कि गुदामैथुन से भी योनि मैथुन की तरह sexually ट्रांसमिटेड diseases लग सकती हैं। जैसे एचआईवी, hepatitis आदि। तो अगर आप किसी अजनबी के साथ गुदामैथुन कर रहे हैं, तो कंडोम का इस्तेमाल ज़रूर करें ।
तो इस लेख का निचोड़ यही है, कि गुदामैथुन बिना दर्द के किया जा सकता है। बशर्ते कि आप कोई जल्दबाज़ी ना करें, और लुब्रिकेंट का ज़्यादा से ज़्यादा इस्तेमाल करें।








