देसी घी, अर्थात वह स्वादिष्ट पदार्थ जिसका इस्तेमाल भारतीय व्यंजनों में स्वाद बढ़ाने के लिए बड़े पैमाने पर किया जाता है। चाहे बात देसी घी के साथ चटनी रोटी खाने की हो चाहे, देसी घी का हलवा बनाने की बात हो, या चाहे बिरयानी बनाने की बात हो, सभी स्वादिष्ट व्यंजनों में देसी घी का इस्तेमाल उसके स्वाद को बढ़ाने के लिए किया जा सकता है।
स्वाद के अतिरिक्त देसी घी को आयुर्वेद में एक शक्तिशाली द्रव्य माना गया है, जिसका सेवन करने से शरीर बलिष्ठ होता है, बलवान होता है, और रोग मुक्त रहता है। यही कारण है, कि जो भी बलवर्धक दवाएं हैं, चाहे वह च्यवनप्राश हो, या फिर मूसली पाक हो, सभी में देसी घी का प्रयोग अवश्य किया जाता है।
देसी घी वास्तव में मक्खन से तैयार किया जाता है। मक्खन को जब पकाया जाता है, और उसमें से पानी बिल्कुल निकल जाता है, और बचा हुआ मट्ठा भी वाष्पित जाता है, तो वह देसी घी के रूप में सामने आता है। आधुनिक भाषा में देसी घी को क्लेरिफाइड बटर (clarified butter) भी कहा जाता है।
देसी घी है पोषण का भंडार

देसी घी एक शक्तिशाली पोषक पदार्थ है, जो पोषक तत्वों से भरपूर होता है. देसी घी में अधिकतर वसा होती है, लेकिन इसमें कुछ विटामिंस, और मिनरल्स भी पाए जाते हैं। देसी घी पोटेशियम का एक अच्छा स्रोत होता है। इसके साथ-साथ इसमें विटामिन ए, और विटामिन ई भी पाया जाता है।
देसी घी में ओमेगा 3 फैटी एसिड्स भी पाए जाते हैं, जो ह्रदय के स्वास्थ्य के लिए काफी मायने रखते हैं।
देसी घी पर लिंग की मालिश का तरीका और फायदे

यहां पर देसी घी की जो हम बात कर रहे हैं। उसका मुख्य उद्देश्य है, कि देसी घी की अगर लिंग पर मालिश की जाए, तो उस से पुरुषों को क्या-क्या लाभ मिल सकता है। क्या देसी घी का प्रयोग करने से लिंग में तनाव बढ़ सकता है? क्या देसी घी का प्रयोग करने से लिंग का आकार बढ़ सकता है, या फिर, क्या देसी घी का प्रयोग करने से शीघ्रपतन दूर होता है? इन सभी सवालों के जवाब इस लेख के माध्यम से आज मैं आपको देने वाली हूं।
देसी घी में पाए जाने वाले विटामिंस और खनिज लिंग में तनाव बढ़ा सकते हैं
मैं आपको बता देना चाहती हूं, कि देसी घी की लिंग पर मालिश करने के काफी सकारात्मक प्रभाव आपको देखने को मिल सकते हैं, क्योंकि देसी घी में विटामिन ए पाया जाता है, विटामिन ई पाया जाता है, और ओमेगा 3 फैटी एसिड पाए जाते हैं, तो निश्चित रूप से जब देसी घी की लिंग पर मालिश की जाती है, तो इससे लिंग की मांसपेशियों को पोषण मिलता है। लिंग में रक्त प्रवाह बढ़ता है, और जब लिंग की मांसपेशियां मजबूत होती है, तो शीघ्रपतन भी दूर होता है, और लिंग संभोग के समय, पहले से बेहतर आकार में महसूस होता है।
देसी घी की जो खास खुशबू होती है, क्या आपको लगता है, कि यह बस ऐसे ही होती है? नहीं। दोस्तों इसके पीछे कई खास molecules काम करते हैं, और उन्हीं की वजह से यह खास खुशबू आती है।
इसके पीछे carbonyls, fatty acids, lactose और अल्कोहल जिम्मेदार होते हैं, जो देसी घी को ना केवल एक शक्तिशाली पोषक पदार्थ बनाते हैं, बल्कि इसमें एक खास किस्म की सुगंध उत्पन्न करते हैं।
देसी घी में उपस्थित खास किस्म के अणु लिंग में गहराई तक जाकर पोषण प्रदान करते हैं
दोस्तों यह सभी अणु, जब लिंग पर देसी घी की मालिश की जाती है, तो लिंग की त्वचा में गहराई तक जाते हैं, और लिंग में रक्त प्रवाह बढ़ाते हैं। लिंग की बंद हो गई नसों को खोलने का कार्य करते हैं, और लिंग का जो उत्तक लिंग में तनाव के लिए उत्तरदाई होता है, उसको शक्ति देते हैं। तो इस तरह से देसी घी की लिंग पर मालिश करने के काफी फायदे हैं। इससे न केवल लिंग का ढीलापन दूर होता है, जिसको आयुर्वेद में स्तंभन दोष कहा जाता है, बल्कि शीघ्रपतन में भी सहायता मिलती है। अब बात करते हैं, कि देसी घी की लिंग पर मालिश कैसे करनी चाहिए, और कितने समय तक लिंग पर देसी घी की मालिश करने से लिंग में कठोरता बढ़ती है, आकार बढ़ता है, और शीघ्रपतन दूर होता है।
देसी घी से मालिश कैसे करें – Desi Ghee se Ling ki Malish Ka Tarika
दोस्तों देसी घी की लिंग पर मालिश करने से पहले आप, देसी घी को अच्छी तरह पिघला लें। अगर आपने 50 ग्राम देशी घी लिया है, तो उसमें 50 ग्राम ही आप जैतून का तेल मिला लें। इससे देसी घी के जो अणु होंगे, वह थोड़े ढीले हो जाएंगे, और उनको त्वचा को भेदकर गहराई तक जाने में आसानी रहेगी। साथ ही जैतून का तेल अपने आप में ओमेगा-3, और दूसरे पोषक तत्वों का एक अच्छा स्रोत होता है, और लिंग पर इसकी मालिश करने से काफी फायदा मिलता है।
तो देसी घी, और जैतून के तेल के इस संयोजन को आप, लिंग पर अच्छी तरह लगभग 10 मिनट तक मालिश करें। मालिश का क्या तरीका होता है, वह मैं आपको बता देती हूं। सबसे पहले आप लिंग को हल्के गुनगुने पानी से धो लें, और किसी साफ कपड़े से सुखा लें। ध्यान रहे, कि जिस कपड़े या, तौलिए का इस्तेमाल आप लिंग को पोंछने में करें, वह धुला हुआ होना चाहिए, और पहले से ही इस्तेमाल हुआ नहीं होना चाहिए। लिंग को सुखाने के बाद, आप देसी घी का जो आपने मिश्रण बनाया हुआ है जैतून के तेल के साथ, उसको अच्छी तरह अपनी पांच उंगलियों में तर कर लें, और लिंग, अंडकोष, और उसके आसपास के भागों पर फैला लें। इस तरह से फैला लें, कि आपको इन सभी भागों की मालिश करने में आसानी रहे। अब आप सबसे पहले अपने अंगूठे, और उसके बराबर वाली उंगली को मिलाकर, ओके की आकृति बनाएं, और पीछे से आगे की तरफ लिंग पर इस ओके की आकृति को फिसलाएं। लगातार आप पीछे से आगे की तरफ ऐसे ही लिंग की मालिश करें। ध्यान रहे बहुत हल्के हाथ से ही मालिश करें। अगर इस दौरान तनाव आ जाता है, तो आप कुछ समय के लिए रुक जाएं, और जब तनाव चला जाए, तो फिर से मालिश शुरू कर दें, क्योंकि मालिश के दौरान तनाव आने पर, वीर्य स्खलन भी हो सकता है। और यह आपके स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं रहेगा। लगभग 10 से 15 मिनट तक आपको धैर्य के साथ, देसी घी से लिंग की मालिश करनी होती है, और उसके 1 घंटे बाद आपको लिंग को पानी से धो लेना है। यहां पर फिर से मैं कहना चाहूंगी, कि लिंग को गुनगुने पानी से ही धोए, क्योंकि गुनगुना पानी लिंग की नसों को खोलने में मदद करता है, और लिंग में रक्त प्रवाह भी बढ़ाता है।
देसी घी की लिंग पर मालिश का सही प्रभाव देखने के लिए, लगभग 3 महीने तक आप देसी घी की लिंग पर मालिश करें, और फिर देखिए, कि आपके लिंग में एक अलग ही स्फूर्ति, उत्तेजना और तनाव महसूस होगा, और आपकी संभोग की इच्छा भी बढ़ेगी।
Desi Ghee se Ling ki Malish me Savdhaniya aur Sambhav nuksan
देसी घी से लिंग की मालिश के प्रयोग में क्या सावधानियां बरतनी चाहिए, चलिए जानते हैं।
क्योंकि देसी घी से एक खास सुगंध आती है, लेकिन यह सुगंध अगर कुछ टाइम तक देसी घी को धोया न जाए, तो दुर्गंध में भी बदल सकती है। तो जब आप मालिश के बाद लिंग को धोएं, तो किसी खुशबूदार हर्बल साबुन से धोएं, ताकि देसी घी की खुशबू उसमें मौजूद ना रहे।
देसी घी की लिंग पर मालिश का किसी भी तरह का कोई साइड इफेक्ट नहीं है, और आप निरंतर देसी घी की रोजाना भी मालिश कर सकते हैं।
तो दोस्तों आज इस लेख में आपने जाना , देसी घी की मालिश का सही तरीका, देसी घी की मालिश के फायदे, और देसी घी के इस्तेमाल में सावधानियां!








