हिमकोलिन जेल एक आयुर्वेदिक औषधि है, एक आयुर्वेदिक मरहम है। जिसका इस्तेमाल पुरुषों के लिंग की मालिश के लिए किया जाता है, और इसका मुख्य रोग अधिकार स्तंभन दोष, या लिंग में ढीलेपन को दूर करना होता है।
अक्सर आयुर्वेदिक और यूनानी दवा कंपनियां लिंग की मालिश के लिए तेल बनाती है , लेकिन हिमालया ने कुछ अलग हटकर किया है, और जैसे दर्द में जेल को, या मरहम को तेल से अधिक असरदार माना जाता है, ऐसे ही लिंग की मालिश के लिए हिमालय ने तेल के ऊपर जेल, या मरहम को प्राथमिकता दी है।
हिमकोलिन जेल जड़ी बूटियों से बनाया गया है, वह लिंग में रक्त प्रवाह बढ़ाती है, और लिंग की नसों को खोलती है। जिसका नतीजा यह होता है, कि लिंग में अधिक से अधिक रक्त जाता है, और लिंग में तनाव बढ़ता है। साथ ही साथ हिमकोलिन जेल, जो लिंग का उत्तक होता है, या लिंग की जो मांसपेशियां होती है, उनको दृढ़ता प्रदान करता है, और जिसकी वजह से शीघ्रपतन जैसी समस्या भी दूर होती है।
तो आइए जानते हैं, हिमकोलिन जेल के इस्तेमाल करने का सही तरीका, और हिमकोलिन जेल को कैसे प्रयोग करना चाहिए, ताकि आपको अधिक से अधिक लाभ मिल सके। साथ ही साथ हम जानेंगे, हिमकोलिन जेल में कौन-कौन सी जड़ी बूटियां इस्तेमाल की गई है। इसके क्या क्या फायदे हैं, इसके इस्तेमाल करने में क्या क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
Himcolin Gel ki Herbs – हिमकोलिन जैल के घटक द्रव्य
- ज्योतिष्मति
- तेजपत्ता
- लौंग
- जावित्री
- जायफल
- मुकुलक
- कर्पसा
- निर्गुन्डी
- बादाम – badam
- लताकस्तूरी
- अश्वगंधा
- गूंजा
- पीपल
- अकरकरा
- शतावर
तो चलिए डालते हैं हिमकोलिन जेल के घटक द्रव्य पर एक नजर।
आपको बता देना चाहता हूं कि हिमकोलिन जेल एक पूरी तरह हर्बल मेडिसिन है, और इसमें किसी भी तरह के मिनरल का इस्तेमाल नहीं किया गया है। तो आप मान सकते हैं, कि हिमकोलिन जेल त्वचा के लिए अधिक से अधिक सुरक्षित है। हिमकोलिन जेल में ज्योतिषमति का इस्तेमाल हुआ है,लता कस्तूरी का इस्तेमाल हुआ है, निर्गुंडी का इस्तेमाल हुआ है, बादाम का प्रयोग किया गया है, जायफल का इस्तेमाल किया गया है,जावित्री का इस्तेमाल किया गया है, और साथ ही साथ इसमें लॉन्ग और, तेजपात का भी प्रयोग किया गया है।
यह सभी जड़ी बूटियां ऐसी हैं, जो लिंग में रक्त प्रवाह बढ़ाने में मदद करती है। लिंग की नसों को फैलाती हैं, और लिंग में तनाव की गुणवत्ता को बढ़ाती है।
हिमकोलिन जेल के फायदे – Himcolin Gel Ke Fayde
जैसा की बात अभी हो ही रही थी, कि हिमकोलिन जेल के घटक द्रव्य क्या हैं, और इसको क्यों प्रयोग किया जाता है, तो उससे लगभग स्पष्ट हो ही गया है, कि हिमकोलिन जेल का प्रयोग मुख्य रूप से लिंग में तनाव वृद्धि के लिए किया जाता है। अर्थात स्तंभन दोष को दूर करने के लिए किया जाता है। साथ ही साथ, चूंकि हिमकोलिन जेल की मालिश से लिंग का जो टिशू होता है, जो मांसपेशियां होती हैं, वह भी सुदृढ़ होती है, तो हिमकोलिन जेल के इस्तेमाल से शीघ्रपतन भी दूर होता है।
हिमकोलिन जेल पुरुष अंग की संवेदनशीलता को बढ़ाता है, और कामोत्तेजना को बढ़ाने में मदद करता है। इस तरह से हिमकोलिन जेल एक लिबिडो बूस्टर (कामोत्तेजक) का कार्य भी करता है।
हिमकोलिन जैल इस्तमल करने का तरीका – Himcolin Gel Istemal Karne Ka Tarika
चलिए अब जानते हैं कि हिमकोलिन जेल को इस्तेमाल करने का सही तरीका क्या है। हिमकोलिन जेल को कैसे इस्तेमाल करें.
सबसे पहले आप अपने लिंग को हल्के गुनगुने पानी से धो लें, और उसको किसी धुले हुए तोलिए से, या कपड़े से साफ कर लें। इस तरह से साफ कर लें, ताकि लिंग में नमी ना रह जाए। उसके बाद आप अपनी हथेली पर, अच्छी खासी मात्रा में हिमकोलिन जेल निकाल ले। कम से कम आप इतना हिमकोलिन जेल निकालें, जितना टूथब्रश पर आप टूथपेस्ट निकालते हैं उससे दोगुनी मात्रा में हिमकोलिन जेल निकाल लें । इसको दूसरे शब्दों में ऐसे समझा जा सकता है, कि आप इतना हिमकोलिन जेल इस्तेमाल करें, ताकि आपका लिंग पूरी तरह से उस से लथपथ हो जाए, और लिंग के चारों तरफ का भाग भी हिमकोलिन जेल से पूरी तरह लथपथ हो जाए। इतना हिमकोलिन जेल आपको पहले लिंग पर, और उसके चारों तरफ वाले हिस्से पर लगा लेना है। उसके बाद आप को अंगूठे , और उसके बराबर वाली उंगली को मिलाकर, ओके की शेप बनानी होती है, और लिंग को पकड़कर पीछे से आगे की तरफ मालिश करनी होती है।
साथ ही साथ आपको, लिंग के चारों तरफ का जो भाग होता है, जैसे ग्रॉइन एरिया, और प्यूबिक एरिया, उसकी भी मालिश करनी होती है। ऐसा करने से लिंग के चारों तरफ जो रक्त नलिकाएं होती है, उनमें रक्त प्रवाह बढ़ता है, और वह अधिक मात्रा में रक्त को लिंग तक ले जाती है। लगभग 10 मिनट तक आपको लिंग की मालिश करनी होती है। उसके बाद किसी साफ कपड़े से लिंग को पोंछ लेना होता है। ध्यान रहे अभी लिंग को धोना नहीं होता है।
हां, अगर आप संभोग क्रिया करने से ठीक पहले हिमकोलिन जेल इस्तेमाल करते हैं, तो आपको संभोग करने से पहले लिंग को धो लेना चाहिए, ताकि आप की महिला साथी की योनि में किसी तरह की इरिटेशन ना हो। लेकिन अगर आप रोजमर्रा के तौर पर हिमकोलिन जेल से मालिश कर रहे हैं, और आपको संभोग नहीं करना है, तो मैं आपको सलाह दूंगा, कि आपको 1 घंटे बाद ही लिंग को हल्के गुनगुने पानी से धोना होता है।
तो दोस्तों यह था, हिमकोलिन जेल को इस्तेमाल करने का सही तरीका। अब सवाल यह आता है, कि क्या जो लोग शारीरिक संबंध नहीं बनाते हैं, वह भी हिमकोलिन जेल इस्तेमाल कर सकते हैं या नहीं। और जवाब है, कि कोई भी व्यस्क पुरुष हिमकोलिन जेल का प्रयोग, लिंग के स्वास्थ्य को बनाए रखने के लिए लगातार कर सकता है, और इसमें कोई हर्ज नहीं है।
हिमकोलिन जेल का प्रयोग हफ्ते में आप 3 बार करें, और हिमकोलिन जेल का प्रयोग आप रेगुलर बेसिस पर कर सकते हैं। इससे किसी तरह का कोई साइड इफेक्ट नहीं है।
अब बात कर लेते हैं, हिमकोलिन जेल का इस्तेमाल करने में क्या क्या सावधानियां बरतनी चाहिए. क्योंकि हिमकोलिन जेल एक काफी हद तक सुरक्षित आयुर्वेदिक औषधि है, तो इससे अभी तक ऐसा कोई साइड इफेक्ट किसी पुरुष को सामने नहीं आया है। लेकिन अगर फिर भी आपको इसके इस्तेमाल से लिंग पर दाने होते हैं, या जलन महसूस होती है, तो आपको इसका इस्तेमाल नहीं करना चाहिए, बल्कि किसी दूसरे आयुर्वेदिक तेल का प्रयोग करना चाहिए जो आपकी स्किन को सूट करता हो।
दूसरी सावधानी यह है, कि हिम्कोलिन जेल केवल और केवल (exclusively) बाहरी त्वचा की मालिश के ही लिए बनाया गया है, तो इसको आप खाने की कोशिश बिल्कुल ना करें। यह खाने की दवाई नहीं है, और सिर्फ बाहरी त्वचा पर लगाने की दवाई है।
तीसरी सावधानी यह है, की मालिश करते समय कोई जल्दबाजी ना करें, ताकि लिंग पर रगड़, या घर्षण लगने की संभावना ना हो।














