आयुर्वेद के ख़ज़ाने में ऐसी बहुत सारी जड़ी बूटियां हैं, जो शरीर में होने वाली विभिन्न बीमारियों को ठीक करने में और human health को इम्प्रूव करने में महती भूमिका निभाती हैं। सच बात तो यह है कि अगर इन हर्ब्स का हमे ठीक से ज्ञान हो तो हम लगभग सभी प्रकार के body ailments को treat कर सकते हैं और इस तरह हम एलोपैथिक दवाओं के ऊपर निर्भरता भी कम कर सकते हैं और उन दवाओं के इस्तेमाल के बाद होने वाले साइड इफेक्ट्स से भी खुद को बचा सकते हैं। हमारी कोशिश रहती है कि हम अपने viewers को आयुर्वेदिक हर्ब्स के बारे में ज़्यादा से ज़्यादा जानकारी दे पाएं, जिससे आप अपनी ज़रूरत के हिसाब से हर्ब्स का use करके अपनी परेशानी का इलाज कर पाएं। और आज के आर्टिकल में हम एक ऐसे ही प्राकर्तिक तत्व के बारे में जानेंगे जो बेहद गुणकारी है और मानव शरीर के लिए कई तरह से उपयोगी है।
आज हम जानेंगे कमरकस के बारे में, मुझे यकीन है कि आप सभी ने इसका नाम ज़रूर सुना होगा, इसका इस्तेमाल महिलाओं के शरीर में आयी वीकनेस को दूर करने के लिए बहुतायत से किया जाता है। कमरकस को पलाश या टेसू भी कहा जाता है, यह पूरे भारत में आसानी से आपको मिल जाएगा, और मैं आपको बतादूँ कि पलाश का फूल उत्तर प्रदेश और झारखण्ड का राज्य फूल है। कमरकस के पौधे को वैज्ञानिक भाषा में ‘Butea monosperma’ या ‘Butea frondosa’ कहा जाता है, ये ‘fabaceae’ कुल से सम्बंधित है और इंग्लिश में इसे bastard teak के नाम से जाना जाता है। कमरकस एक बहुत ही गुणकारी medicinal plant है जिसके लगभग सभी भागों जैसे फूल, पत्ते, गोंद,बीज, छाल आदि का इस्तेमाल आयुर्वेदिक मेडिसिन बनाने में किया जाता है। कमरकस के पौधे की पत्तियां भूरे रंग की होती हैं, और इसके फूल सफ़ेद, बैंगनी या लाल रंग के होते हैं, सफ़ेद फूल वाला पलाश औषधिये दृष्टिकोण से ज़्यादा important होता है।
जैसे कि कमरकस के नाम से ही प्रतीत होता है इसका अर्थ है ‘कमर कसने वाला’, इसका ज़्यादातर इस्तेमाल प्रसव के बाद महिलाओं के द्वारा कमर की मांसपेशियों को मज़बूत बनाने और बॉडी को वापस शेप में लाने से किया जाता है। और इसलिए घर की बड़ी बूढी औरतें प्रसव के बाद अपने घर की females को कमज़ोरी दूर करने के लिए कमरकस को लड्डू, पंजीरी या हलवा में मिक्स करके देती हैं। वैसे तो इस पौधे के सभी भागों का इस्तेमाल विभिन्न तरीके से किया जाता है लेकिन लड्डुओं आदि में कमरकस के गोंद का प्रयोग करते हैं। कमरकस के पेड़ और लताओं की छाल को काटने पर जो एक प्रकार का चिपचिपा पदार्थ निकलता है इसे ही पलाश की गोंद या कमरकस गोंद कहा जाता है, सूखने के बाद इसका रंग हल्का भूरा हो जाता है और इसे ‘लाल गोंद’ भी कहा जाता है।

कमरकस की nutritive value की बात करें तो इसमें iron, potassium, sodium, folate, Vitamin A, Vitamin K, magnesium, kino, tannic, gallic acid, soluble mucilage आदि पाया जाता है, साथ ही इसमें anti oxidant, anti cancer, anti hyperglycaemic, hepatoprtective, anti fungal, aphrodisiac, anti inflammatory, appetizer आदि गुण पाएं जाते हैं।
कमरकस बहुत सारे हेल्थ इश्यूज को ठीक करता है जैसे यह दर्द को कम करता है, इसमें कृमिनाशक गुण होते हैं, यह इंटरनल ब्लीडिंग को रोकता है, पेट से जुडी बीमारियों को ठीक करता है, आँखों से और बालों से सम्बंधित बीमारियों को दूर करता है साथ ही मेल और फीमेल में यौन सम्बंधित परेशानिओं के इलाज में भी इस्तेमाल किया जाता है।
Kamarkas ke fayde – Kamarkas (Plaash Gum) Health Benefits in Hindi
महिलाओं के लिए उपयोगी
जैसे कि अभी हमने जाना कमरकस महिलाओं में प्रसव के बाद आयी कमज़ोरी को दूर करने के लिए एक बेहतरीन remedy है, यह महिलाओं में कमर और पेल्विक फ्लोर मसल्स को मज़बूत बनाता है, पीठ दर्द, पैरों में दर्द आदि को ठीक करता है। महिलाओं में मासिक धर्म सम्बन्धी अनियमितताओं और period cramps आदि की समस्या को ठीक करता है और जिन महिलाओं को Leucorrhoea (वेजिना से अत्यधिक सफ़ेद पानी का स्त्रावित होना) की समस्या होती है उसे भी यह ठीक करता है। गर्भावस्था में महिलाओं को कमरकस का सेवन करने की सलाह दी जाती है क्योंकि इससे उनके शरीर में खून की कमी (anaemia) नहीं होती है और साथ ही lactating mothers के लिए भी कमरकस फायदेमंद होता है क्योंकि इससे मिल्क प्रोडक्शन बढ़ता है और कमज़ोरी भी दूर होती है।
पाचन संस्थान मज़बूत बनाता है
कमरकस का प्रयोग पेट सम्बन्धी गड़बड़ियों को ठीक करने के लिए किया जाता है, इसके इस्तेमाल से पेट दर्द, पेट में सूजन आदि को ठीक किया जा सकता है। इसमें stool forming capacity होती है इसलिए जिन लोगों को कब्ज़ की शिकायत होती है उनके लिए इसका इस्तेमाल काफी अच्छा रहता है। आप बवासीर के बारे में तो जानते ही होंगे, यह बेहद दर्दनाक बीमारी होती है जिसमे anus के अंदर और बाहर मस्से हो जाते हैं जिनमे से ब्लीडिंग भी होती है और मलत्याग के समय असहनीय दर्द होता है। बवासीर के उपचार के लिए आप कमरकस के बीज का पाउडर इस्तेमाल कर सकते हैं आपको काफी फयदा मिलेगा। इतना ही नहीं, कमरकस पेट के कीड़े भी खत्म कर देता है, और यह लिवर के लिए एक अच्छे टॉनिक के रूप में काम करता है, लिवर में आयी सूजन को ठीक करता है, भूख बढ़ाता है, लिवर इन्फेक्शन को ठीक करता है और पाचन सुधारता है।
खांसी व सिर दर्द दूर करता है
पलाश का इस्तेमाल खांसी, ज़ुकाम, सिर दर्द आदि को दूर करने के लिए किया जाता है, इसमें anti oxidant और revitalizing properties होती हैं जो श्वसन सम्बन्धी रोगों जैसे नाक बंद होना, अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, न्यूमोनिया, काली खांसी आदि को ठीक करता है साथ ही यह सिर में आयी सूजन व दर्द, migrain आदि को भी ठीक करता है। खांसी व सिर दर्द के लिए आप कमरकस की छाल को पानी में उबालकर strain करके पी सकते हैं।
इम्युनिटी बूस्ट करता है
कमरकस में एंटी ऑक्सीडेंट गुण होते हैं जो शरीर की रोगों से लड़ने की शक्ति को मज़बूत बनाते हैं और मुक्त कणों से लड़ते हैं, जिससे शरीर कम बीमार पड़ता है। इतना ही नहीं फ्री रेडिकल डैमेज से बचाकर कमरकस शरीर को लम्बे समय तक जवान बनाये रखने में सक्षम है क्योंकि मुक्त कणों के प्रभाव से early ageing होने लगती है। इम्युनिटी बढ़ाने के लिए आप कमकस के गोंद के लड्डुओं का सेवन कर सकते हैं और इसके बीज के पाउडर का प्रयोग भी कर सकते हैं।
आर्थराइटिस में उपयोगी
कमरकस हड्डियों को पोषण प्रदान करके उन्हें मज़बूत बनाता है, जोड़ों में लुब्रिकेशन बढ़ाता है, bone demineralization को रोकता है और फ्रैक्चर की संभावना कम करता है, साथ ही इसके एंटी इंफ्लेमेटरी गुण जोड़ों में आयी सूजन, अकड़न व दर्द को कम करते हैं।
यौन स्वास्थ्य बढ़ाने में सहायक
हमने ये तो जान लिया की यह महिलाओं में कमज़ोरी दूर करने, पीरियड्स के दौरान दर्द आदि कम करने, vaginal infection ठीक करने में सहायक है, लेकिन क्या आप जानते हैं की कमरकस महिला व पुरुषों दोनों में कामोत्तेजना बढ़ाने में भी सहायक है। पुरुषों में यह इरेक्टाइल डिस्फंशन, स्तम्भन दोष आदि को ठीक करता है, स्पर्म काउंट बढ़ाता है और नपुंसकता को दूर करता है।
डायबिटीज के उपचार में सहायक
कमरकस ग्लूकोस मेटाबोलिज्म सुधारकर ब्लड ग्लूकोस लेवल को कम करता है, और इन्सुलिन हॉर्मोन का secretion बढ़ाकर टाइप 2 डायबिटीज के रिस्क को कम करता है।
त्वचा के लिए लाभदायक
त्वचा की बहुत सी बीमारियां रक्त की अशुद्धियों के कारण होती हैं, कमरकस blood purify करता है और त्वचा के विभिन्न रोगों जैसे फोड़े, फुंसी, एक्जिमा, दाद, खुजली और लालिमा आदि को ठीक करता है। आप कमरकस के बीजों और फूलों को पीसकर फेस पैक के रूप में अप्लाई कर सकते हैं।
अन्य लाभ
- कमरकस बालों को स्वस्थ बनता है, हेयर फॉल, डैंड्रफ, premature greying आदि को होने से रोकता है।
- यह मूत्र संस्थान सम्बन्धी इन्फेक्शन को ठीक करता है।
- इसमें diuretic गुण होते हैं।
- यह इंटरनल ब्लीडिंग और अत्यधिक खून बहने को रोकता है।
- यह आँखों की रौशनी बढ़ाता है और ग्लूकोमा आदि के ट्रीटमेंट के लिए उपयोगी है।
- यह माउथ और थ्रोट इन्फेक्शन को ठीक करता है।
- यह बुखार ठीक करता है।
- यह अच्छा nervine tonic है और मेमोरी बूस्ट करता है।
- कमरकस गुप्तांगों की खुजली व संक्रमण को दूर करता है।
कमरकस की खुराक – कमरकस खाने का तरीका
कमरकस के गोंद को आप लड्डुओं, पंजीरी आदि में मिलकर खा सकते हैं, और अगर इसके बीजों के पाउडर का आप इस्तेमाल कर रहे हैं तो प्रतिदिन 3-5 ग्राम आप इसका सेवन कर सकते हैं।
साइड इफेक्ट्स
वैसे तो प्राकर्तिक जड़ी बूटियों और तत्वों के दुष्प्रभावों की संभावना बहुत कम होती है लेकिन फिर भी कुछ hypersensitive लोगों में निम्नलिखित साइड इफ़ेक्ट देखने को मिल सकते हैं-
- बेचैनी
- ह्रदय गति बढ़ना
- किडनी डैमेज
- उल्टी आना
- चक्कर आना
- स्किन एलर्जी आदि








