आजकल की high tech दुनिया में हम सभी gadgets addicted हो चुके हैं especially मोबाइल्स के, क्योंकि मोबाइल pocket sized कंप्यूटर की तरह होता है जो आसानी से carry किया जा सकता है और लगभग रोज़ मर्रा के सभी काम हम इसी से ही करते हैं। जब 1876 में Alexander Graham Bell ने टेलीफोन का आविष्कार किया था तब इसका primary aim दूर दराज़ में बैठे रिश्तेदारों और दोस्तों से बातचीत कर उनके संपर्क में रहना था फिर धीरे धीरे टेक्नोलॉजी में तरक्की हुई और आज जो फ़ोन हम इस्तेमाल कर रहें हैं उससे हम अपनों से बात करने के अलावा बहुत सारे काम कर सकते हैं जैसे मैसेज भेजना, फोटो भेजना, ईमेल करना, टिकट बुक करना, इसके अलावा मूवी, सांग्स, गेम्स, ऑफिस वर्क इत्यादि हम सभी कुछ अपने मोबाइल से आसानी से कर सकते हैं। In short, हम कह सकते हैं कि फ़ोन हमारी ज़िन्दगी का बहुत अहम हिस्सा बन चुका है और टेक्नोलॉजी से जुड़े लोगों कि तो जैसे दुनिया ही मोबाइल में समां चुकी है और उसी के इर्द गिर्द घूमती रहती है। आजकल सोकर उठते ही हम सबसे पहली चीज़ जो छूटे हैं वो मोबाइल ही होता है, किसी को फ़ोन मिलाना हो या online transaction करना हो, shopping हो या कैलकुलेशन हम हर छोटे बड़े काम के लिए मोबाइल ही ढूंढते हैं। लेकिन गाइस क्या आप जानते हैं कि मोबाइल से जितना हमारी life आसान बनी है उतने ही इसकी dependency के नुकसान भी हैं। बैठकर घंटो फ़ोन चलना, चलते हुए, लेटकर, खड़े होकर, दिन और रात हर समय मोबाइल हमारे हाथ में ही रहता है, इन्ही सब आदतों में से एक बुरी आदत है हमारा मोबाइल चलाते हुए बैठे बैठे आधे लेट जाना।

आज के आर्टिकल में हम बात करेंगे आधा लेटकर फ़ोन चलाने के क्या क्या नुक्सान हो सकते हैं और मोबाइल use करने का सही तरीका क्या होना चाहिए।
आधा लेटकर मोबाइल ऑपरेट करने के साइड इफेक्ट्स-
- लेटकर या आधा लेटकर मोबाइल use करने से कन्धों, पीठ, गर्दन, हाथों में दर्द रहने लगता है।
- आँखों में जलन, सूखापन, खुजली आदि होने लगती है और मोबाइल को ‘possibly carcinogenic’ कहा जाता है क्योंकि इससे कैंसर का रिस्क बढ़ जाता है और ‘वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाईजेशन’ (WHO) की माने तो ये ब्रेन कैंसर का सबसे बड़ा खतरा होता है।
- फ़ोन से निकलने वाले इलेक्ट्रोमैग्नेटिक रेडिएशन से प्रोस्टेट कैंसर और tumour होने का खतरा बढ़ जाता है।
- गलत posture में फ़ोन चलाने से body deformities हो जाती हैं, सिर दर्द रहने लगता है, memory weak हो जाती है और cerebrospinal fluid कम होने लगता है जो ब्रेन हेल्थ के लिए अच्छा नहीं होता है।
- लेटे रहने के साथ अगर आप अँधेरे में भी स्क्रीन दखते हैं तो उससे आँखों की पुतलियां फेल जाती हैं और फ़ोन की blue rays से मोतियाबिंद, रेटिना डैमेज, dry eye syndrome आदि होने का खतरा बढ़ जाता है।
- Researches में सामने आया है कि मोबाइल को लेटकर ज़्यादा चलाने से electromagnetic hypersensitivity या gadget allergy हो जाती है और जब हम मोबाइल इस्तेमाल करने के बाद अपने बराबर में रखते हैं या बहुत ज़्यादा टाइम हाथ में रखते हैं तो मोबाइल स्क्रीन के जो जर्म्स होते हैं उनसे स्किन इन्फेक्शन का चांस भी बढ़ जाता है।
- एक नुकसान वज़न बढ़ना भी होता है क्योंकि जिन लोगों को लेटकर या आराम की मुद्रा में बैठकर मोबाइल इस्तेमाल करने की आदत होती है वो फिजिकली बहुत inactive और lazy होते हैं जिससे वो obesity के शिकार हो जाते है और उसके बाद बहुत सारी अन्य बीमारियां जैसे डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, indigestion आदि उन्हें घेर लेटे हैं।
- Researches की माने तो मोबाइल से निकलने वाले low level के non-ionizing radiation से स्किन कैंसर खतरा कई गुना बढ़ जाता है, खासकर उन लोगों में जो लेटकर या आधा लेटकर फ़ोन चलाते हैं और उसके बाद फ़ोन को अपने पास ही रखकर सो जाते हैं।
- कुछ पुरुष फ़ोन को लेटकर तो चलाते ही हैं उसके बाद भी फ़ोन को अपनी पॉकेट में या bed side table पर बिलकुल अपने पास रखते है और मोबाइल से निकली electromagnetic rays स्पर्म काउंट को कम कर सकती है जिसे पुरुषों में infertility की समस्या हो सकती है।
- आधा लेटकर फ़ोन चलाने से शरीर में melatonin का लेवल कम हो जाता है जिससे स्ट्रेस लेवल बढ़ जाता है, इम्युनिटी वीक हो जाती है और शरीर में शिथिलता आ जाती है।
- गलत पोस्चर में मोबाइल use करने से मानसिक दुष्प्रभाव भी देखने को मिलते हैं जैसे anxiety, depression, फोकस न बनना, याददाश्त कमज़ोर होना, न्यूरोन्स का क्षतिग्रस्त होना, स्वभाव में चिड़चिड़ापन, emotional disturbances, confusion, insecurity, loneliness इत्यादि हो सकते हैं।
मोबाइल इस्तेमाल करने का सही तरीका
सच कहूं तो मोबाइल, कंप्यूटर या लैपटॉप use करने का कोई particular rule नहीं है लेकिन अपने शरीर को किसी भी तरह के साइड इफ़ेक्ट से बचाने के लिए हमे सावधानियां ज़रूर रखनी चाहिए क्योंकि घंटो मोबाइल पर काम करते हुए या इस्तेमाल करते हुए हम कब गलत पोस्चर में बैठ जाते हैं हमे पता ही नहीं चलता जिसका हेल्थ पर बहुत बुरा असर पड़ता है। तो जब भी आप मोबाइल ऑपरेट करें तो कुछ बातों का ख्याल रखना चाहिए जैसे-
- कभी भी लेटकर फ़ोन नहीं चलना चाहिए, हमेशा चेयर पर सीधे बैठकर ही मोबाइल का इस्तेमाल करें और फ़ोन को अपनी आँखों से atleast 33 cm की दूरी पर रखें और बहुत अच्छा होगा अगर आप मोबाइल को स्टैंड पर सेट करके use करें जिससे proper eye level बना रहे।
- मोबाइल को लगातार न देखें बल्कि बीच बीच में ब्रेक लेते रहें जैसे 20 -25 मिनट देखने के बाद स्क्रीन से नज़र हटाकर ऑंखें कुछ सेकंड के लिए बंद करलें।
- बीच बीच में convergence एक्सरसाइज करते रहें जैसे पेन या पेंसिल की nib को देखते हुए उसे दूर और पास लाएं ऐसा आप 15 minute तक कर सकते हैं। इन exercises से आपकी eye muscles मज़बूत होंगी और नज़र भी कमज़ोर नहीं होगी।
- अगर आपका स्क्रीन टाइम ज़्यादा है तो एक फिक्स टाइम सेट करें और उसके बाद स्ट्रेचिंग करें जैसे गर्दन, कंधे आदि इधर उधर घुमाएं।
- एक ज़रूरी factor होता है मोबाइल का font size, बहुत ज़्यादा छोटा font size नहीं रखना चाहिए क्योंकि इससे नज़र कमज़ोर हो जाती है साथ ही अँधेरे में मोबाइल न चलाएं, ऐसा करने से आपको objects पर फोकस करने में प्रॉब्लम आ आ सकती है।
- मोबाइल को इस्तेमाल करते समय anti glare चश्मे का प्रयोग करें ऐसा करने से मोबाइल रेडिएशन से बचा जा सकता है।
तो दोस्तों, हमारी ऑंखें और हमारा शरीर हमारी अनमोल धरोहर होते हैं, और हमे अपने स्वास्थ्य को बनाये रखने के लिए गैजेट्स का इस्तेमाल सावधानीपूर्वक करना चाहिए, क्योंकि ये भी सच है की वर्क फ्रॉम होम, ऑनलाइन क्लासेज, ऑनलाइन बिज़नेस के इस दौर में मोबाइल को अवॉयड करना तो पॉसिबल नहीं है, लेकिन हाँ हेल्थ को priority मानते हुए हमें सही तरीके से मोबाइल use करना चाहिए जिससे काम भी हो जाए और नुक्सान भी न झेलना पड़े।








