आजकल के प्रदूषित वातावरण में रहने के कारण, मौसम में अचानक बदलाव के कारण, खाने पीने सम्बन्धी बुरी आदतों के कारण शरीर में छोटी मोटी बीमारियां जैसे बदन दर्द, खांसी, सर दर्द, श्वसन सम्बन्धी बीमारियां आदि हो ही जाती हैं। और कोविद 19 के बाद से अपने इम्युनिटी के मज़बूत होने की इम्पोर्टेंस तो समझ ही ली होगी, जितना हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता मज़बूत होगी उतना ही कम हमें बीमारियां घेरेंगी और अगर कोई बीमारी हो भी जाएगी तो उससे शरीर जल्दी ही रिकवर भी हो जायेगा।
वैसे तो हमे कुछ भी होता हैं, हम फ़ौरन डॉक्टर के पास जाते हैं और एलोपैथिक दवाओं का सेवन करते हैं जिससे बीमारी तो ठीक होती हैं लेकिन long term इस्तेमाल से उन दवाओं के साइड इफेक्ट्स भी देखने को मिलते हैं, तो बेहतर होगा बीमारी आने से पहले ही हम शरीर को मज़बूत बनालें जिससे एलोपैथिक दवा पर depend ही न होना पड़े और उसका सबसे अच्छा उपाए हैं प्राकर्तिक तत्वों का सेवन करना। आजके आर्टिकल में हम ऐसे ही एक नेचुरल इंग्रेडिएंट के बारे में बात करेंगे जो आपके लिए बहुत लाभकारी साबित होगा और हो सकता हैं आपकी किचन में अवेलेबल भी हो, अगर घर में उपलब्ध न भी हो तो आसानी से किसी भी पंसारी के यहाँ आपको मिल जायेगा। गाइस, मुलेठी का नाम तो अपने सुना ही होगा हेल्थ इम्प्रूव करने में यह बहुत अच्छी होती हैं, जब भी किसी को घर में खांसी या गले में खराश होती है तो दादी नानी सबसे पहले मुलेठी का काढ़ा पीने को ही कहती हैं और सचमुच बहुत गुणकारी होती है मुलेठी।
मुलेठी एक बारहमासी झाड़ीनुमा पौधा होता हैं जिसके फूल जमुनी से लेकर सफ़ेद नीले रंग के होते हैं और यह लगभग 130 सेंटीमीटर की ऊंचाई तक उगता है और इसकी खेती के लिए चिकनी रेतीली मिटटी उपयुक्त होती है। मुलेठी आयुर्वेदिक गुणों से युक्त एक जड़ी बूटी है और इसका इस्तेमाल प्राचीन काल से ही खांसी, ज़ुकाम, गले में खराश, साँस लेने में परेशानी होता आदि के इलाज के लिए किया जाता रहा है, और आज भी बहुत सारी इम्युनिटी बूस्टिंग मेडिसिन और respiratory disorders को ट्रीट करने वाली दवाओं में मुख्य तत्व के रूप में इसे शामिल किया जाता है। मुलेठी यूरोप, एशिया के विभिन्न देशों जैसे चीन, मिस्र, ग्रीस आदि में आसानी से देखी जा सकती है, और भारत की बात करें तो मुलेठी उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखण्ड, ओडिसा, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, केरल, देहरादून, सहारनपुर आदि राज्यों में बहुतायत से प्राप्त होती है।
मुलेठी को यष्टिमधु या जेष्ठमध भी कहा जाता है, इसका बोटैनिकल नाम ‘Glycyrrhiza Glabra Linn’ और इंग्लिश नाम ‘Liquorice root’ होता है, इसका स्वाद मीठा होता है और यह ‘Fabaceae’ कुल से सम्बंधित है। मुलेठी में main bioactive compound “Glycyrrhizin” होता है, लेकिन इसके साथ ही इस हर्ब में लिक्विरीन, ग्लूकोस, रेज़ीन, स्टार्च, कैल्शियम, प्रोटीन, जिंक, फ्लैवोनॉइड, विटामिन E आदि पोषक तत्व पाए जाते हैं। पोषक तत्वों के साथ ही मुलेठी में एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी बैक्टीरियल, एंटी वायरल, एंटी फंगल प्रॉपर्टीज भी पायी जाती हैं जो इसे एक potent हर्ब बनती हैं।
गाइस, मुलेठी के पौधे के तने को सुखाकर उसका पाउडर mostly use किया जाता है, इसके अलावा दातुन करने के लिए मुलेठी का इस्तेमाल कर सकते हैं, पान में डालकर मुलेठी को खाया जाता है, दांतों के लिए इसके बहुत फायदे हैं और इसी वजह से toothpaste manufacturing में मुलेठी का इस्तेमाल किया जाता है। इसमें बहुत सारे औषिधिये गुण होते हैं जो शरीर के लिए विभिन्न प्रकार से उपयोगी है जैसे मोटापा दूर करने में, बालों व त्वचा को स्वस्थ बनाने में, ब्रोंकाइटिस ठीक करने में, निमोनिया व ज़ुकाम के उपचार में, थकान दूर करने आदि में।

Mulethi ke Fayde
खांसी के उपचार में सहायक
खांसी के लिए मुलेठी का उपयोग सबसे कॉमन है, मुलेठी में मौजूद Glycyrrhizin नामक तत्व खांसी को ठीक करने में काफी लाभदायक है, साथ ही इसकी एंटी ऑक्सीडेंट प्रॉपर्टी गले में दर्द आदि को ठीक करती है। खांसी को दूर करने के लिए मुलेठी का काढ़ा बनाकर आप पी सकते हैं या फिर मुलेठी के पाउडर को शहद के साथ खा सकते हैं या मुलेठी को थोड़ी देर suck कर सकते हैं, इससे आपको खांसी में बहुत आराम मिलेगा।
मुँह के छालों में राहत
मुँह में छाले होना बहुत painful situation होती है, जिसमे खाने पीने के समय तो अथाह दर्द होता है, इस प्रॉब्लम को ट्रीट करने के लिए भी मुलेठी असरदार है क्योंकि इसमें एंटी ऑक्सीडेंट्स और एंटी बैक्टीरियल गुण होते हैं, जो दर्द को काम करते हैं और घाव को जल्दी हील होने में मदद करते हैं। मुँह के छालों को ठीक करने के लिए आप मुलेठी के टुकड़े को थोड़ी देर मुँह में रखकर चूस सकते हैं, आप चाहें तो उस टुकड़े पर शहद भी लगा सकते हैं या फिर मुलेठी का काढ़ा भी आपके लिए फायदेमंद होगा।
सिर दर्द ठीक करने के लिए
सिर दर्द, माइग्रेन आदि को ठीक करने के लिए भी मुलेठी अच्छा ऑप्शन है, सिर दर्द होने पर आप मुलेठी के पाउडर को शहद के साथ गर्म पानी से लेंगे तो आराम मिलता है। माइग्रेन की स्थिति में आप मुलेठी और शहद के मिक्सचर को as a nasal drop डाल सकते हैं या इस मिक्सचर में रुई का फोहा भिगोकर सूंघ सकते हैं इससे बहुत रिलीफ महसूस होगा।
गले के संक्रमण को ठीक करने के लिए
टॉन्सिल्स, गले में खराश, गले में सूजन या दर्द, ब्रोंकाइटिस आदि समस्याओं में मुलेठी बहुत उपयोगी है और इसके इस्तेमाल से गले सम्बंधित रोगों में बहुत जल्दी इम्प्रूवमेंट देखने को मिलता है। इसमें एंटी बैक्टीरियल और एंटी फंगल प्रॉपर्टीज किसी भी सूक्ष्म जीव के कारण हुए इन्फेक्शन को बहुत जल्दी ठीक करती है, साथ ही अगर गला बैठ गया है तो उसे भी ठीक करके आवाज़ सामान्य बनती है।
आँखों के लिए फायदेमंद
आँखों में दर्द, जलन, लालिमा, सूखापन, आदि रोगों में मुलेठी एक बेहतरीन विकल्प है, यह आँखों के विभिन्न रोगों को ठीक करती है और आँखों की रौशनी तेज़ करती है। eyes related प्रॉब्लम को ट्रीट करने के लिए आप मुलेठी पाउडर पानी में मिक्स करके उसमे कॉटन भिगोकर आँखों पर थोड़ी देर के लिए बांध सकते हैं।
बालों के लिए
मुलेठी बालों की विभिन्न समस्याओं के लिए एक रामबाण उपाय है, यह बालों को पोषण देकर बालों को घना, लम्बा व चमकदार बनती है। मुलेठी में विटामिन E होता है जो हेयरफॉल रोकने में सहायक है, मुलेठी बालों को मज़बूती देती है और असमय सफ़ेद होने से रोकती है। मुलेठी के पाउडर को आप अपने रेगुलर हेयर पैक में मिक्स करके अप्लाई कर सकते हैं। मुलेठी और अमला को मिलकर आप उसका क्वाथ बना सकते हैं, जिससे बाल धोने पर आपके बालों की वृद्धि तेज़ी से होगी और बाल पहले से ज़्यादा स्वस्थ हो जायेंगे।
पाचन सुधरने में सहायक
मुलेठी के इस्तेमाल से पेट दर्द, वात पित्त दोष, अपच, गैस, आदि समस्याओं को ठीक किया जासकता है, इसमें मौजूद flavonoid और Glycyrrhizic acid digestion सुधारने में मदद करती है, मुँह से आने वाली bad breath odour को दूर करती है और acid reflux की समस्या में भी राहत देती है। पेट दर्द, indigestion आदि को ठीक करने के लिए आप मुलेठी के पाउडर को शहद गुनगुने पानी के साथ ले सकते हैं।
पेप्टिक अल्सर में उपयोगी
Stomach की lining में छाले या घाव हो जाने को peptic ulcer कहते हैं जो बहुत दर्दनाक रोग है, इसमें भी मुलेठी को as a remedy इस्तेमाल कर सकते हैं। मुलेठी के पाउडर को आप हल्के गरम दूध के साथ दिन में दो बार लेसकते हैं आपको दर्द में भी आराम मिलेगा और अल्सर भी धीरे धीरे ठीक होने लगेंगे।
अन्य लाभ–
- मुलेठी बुद्धि तेज़ करने में लाभदायक है।
- ब्लड पूरीफी करने में उपयोगी है।
- मूत्र में जलन की समस्या में रहत देती है।
- वज़न कम करके BMI (Body Mass Index) नार्मल करने में हेल्प करती है।
- Females में मिल्क प्रोडक्शन बढ़ाती है।
- ब्लड शुगर लेवल कण्ट्रोल करती है।
- Arthritis में उपयोगी है।
- नाक के रोगों को ठीक करती है।
- खून की कमी (Aneamia) दूर करती है।
- बहुत ज़्यादा हिचकियाँ आ रही हो तो उन्हें रोकती है।
Mulethi Khane ka Tarika – मुलेठी की खुराक
सामान्य तौर पर मुलेठी को 3-5 ग्राम प्रतिदिन लेने की सलाह दी जाती है और अगर आप इसका काढ़ा बनाकर ले रहे हैं तो 25-30 मिलीलीटर आप एक बार में सेवन कर सकते हैं। वैसे तो यह general dose है, जिसे कोई भी ले सकता है, लेकिन बेहतर होगा अगर आप इसका इस्तेमाल करने से पहले डॉक्टर से कंसल्ट कर लें जिससे आपकी आयु, शारीरिक अवस्था आदि के अनुसार दवा निर्धारित की जा सके।
Mulethi ke Side Effects – मुलेठी के नुकसान
मुलेठी एक प्राकर्तिक औषिधिय जड़ी बूटी है जिसका generally कोई साइड इफ़ेक्ट नहीं देखने को नहीं मिलता है, लेकिन हाँ दोस्तों, उच्च रक्तचाप, किडनी, लिवर, डायबिटीज आदि के patients को इसका प्रयोग नहीं करना चाहिए नहीं तो कॉम्प्लीकेशन्स सामने आ सकते हैं।
कुछ लोगों में मुलेठी के सेवन से सिर दर्द, मांसपेशियों में दर्द, थकान, सूजन, शरीर में बेचैनी, breathing difficulties आदि देखने को मिल सकती हैं, अगर ऐसा महसूस हो तो तुरंत इसका सेवन रोक कर डॉक्टरों को दिखाना चाहिए।








