वराहीकन्द आयुर्वेद की एक गुणकारी जड़ी बूटी है जो की एक बेल के रूप में मिलती है, इसका वैज्ञानिक नाम ‘Dioscorea bulbifera’ है और यह ‘Dioscoreaceae’ फैमिली से सम्बंधित है। इसे सामान्य बोलचाल की भाषा में सुरालु और ज़मीकन्द कहा जाता है साथ ही इसे air yam, bitter yam, potato yam आदि नामों से भी जाना जाता है। वराहीकन्द अफ्रीका, एशिया और उत्तरी ऑस्ट्रेलिया में मूल रूप से पाया जाता है और इसके औषिधिये गुणों को देखते हुए अब भारत में भी इसकी खेती पर्याप्त मात्रा में की जाने लगी है। वराहीकन्द के फलों का आकार ज़्यादा बड़ा नहीं होता है, इसका फल एक तरफ से पतला और दूसरी तरफ से मोटा होता है जो कि देखने में pig face की तरह दिखाई देता है साथ ही इसमें छोटे छोटे धागेनुमा रेशे होते हैं जो सूअर (वराह) के बाल जैसे लगते हैं और इसी कारण इस हर्ब को ‘वराहीकन्द’ के नाम से जाना जाता है। इसमें बहुत सारे पोषक तत्व जैसे कैल्शियम, मैग्नीशियम, जिंक, विटामिन B6, विटामिन B3, विटामिन सी, फैट, फाइबर, ऑक्सेलिक एसिड, प्रोटीन आदि पाए जाते हैं, इसके अलावा इसमें एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी डायबिटिक, एंटी इंफ्लेमेटरी, एंटी बैक्टीरियल, anti tumer, anti pyretic, anti aging आदि प्रॉपर्टीज भी पायी जाती हैं। वराहीकन्द में कुछ एक्टिव कंपाउंड्स जैसे Diosbulbin, टैनिन्स, सैपोनिन्स, Albuminosides आदि मौजूद होते हैं, वराहीकन्द स्वाद में कड़वा होता है और इसे मधुर, कटु, उष्ण, लघु, स्निग्ध, वातकफशामक आदि गुणों वाला माना जाता है। यह पावरफुल हर्ब बहुत सारी स्वास्थ्य समस्याओं को ठीक करने के लिए विख्यात है, जैसे यह शारीरिक शक्ति और स्टैमिना बढ़ाती है, गले के संक्रमणों को दूर करती है और स्वर यानी आवाज़ मधुर बनाती है। वराहीकन्द अस्थमा, खांसी, बुखार आदि को ठीक करती है, शुक्रवर्द्धन में लाभ देती है साथ ही आयुवर्धन में यह सहायक मानी जाती है। वराहीकन्द का खासतौर से इस्तेमाल पौरुष दुर्बलता को दूर करने और कामेच्छा वृद्धि में किया जाता है क्योंकि कई शोधकर्तओं ने इस बात की पुष्टि की है कि वराहीकन्द पुरुष यौन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने की एक अचूक दवा है। चलिए एक एक करके इसके विभिन्न स्वास्थ्य लाभों के बारे में जानते हैं।
Varahi Kand Health Benefits in Hindi
पुरुषों के यौन स्वास्थ्य को बढ़ाने में लाभदायक-
अपने देखा भी होगा कि बहुत सारी सेक्स हेल्थ को इम्प्रूव करने वाली आयुर्वेदिक और यूनानी दवाओं में वराहीकन्द का इस्तेमाल किया जाता है इसका कारण यही है कि इसमें बेहतरीन aphrodisiac प्रॉपर्टी होती है जो पुरुषों में यौन इच्छा बढ़ाती है और विभिन्न प्रकार की सेक्स प्रोब्लेम्स जैसे लिंग में शिथिलता, इरेक्टाइल डिस्फंशन, वीर्ये दोष, स्वप्न दोष आदि को ठीक करने में लाभकारी है। यह हर्ब पुरुषों में सेक्स ऑर्गन्स में ब्लड फ्लो बढ़ाती है जिससे penile chambers में अधिक रक्त भरता है और लिंग में ज़्यादा समय तक कड़ापन रह पता है और इस तरह वराहीकन्द premature ejaculation को ठीक करने में effective है। यह पोटेंट हर्ब शारीरिक शक्ति बढ़ाती है, टेस्टोस्टेरोन का निर्माण बढ़ाती है, काम प्रदर्शन सुधारती है और साथ ही शुक्राणुओं कि संख्या व गुणवत्ता में वृद्धि करके पुरुष बाँझपन को भी दूर करती है।
कैंसर से बचाव करने में लाभदायक-
कैंसर एक गंभीर बीमारी है जिसमे बॉडी की कुछ कोशिकाएं अनियंत्रित तरीके से बढ़ती हैं और शरीर के नार्मल tissues को नष्ट करने लगती है, विश्व में एक बहुत बड़ी आबादी कैंसर से ग्रसित है और researches में पाया गया है कि कैंसर विश्व के कई देशों में मृत्यु का दूसरा सबसे बड़ा कारण है। गाइस, वराहीकन्द के इस्तेमाल से कैंसर सेल्स के विकास को रोका जा सकता है इसमें एंटी कार्सिनोजेनिक प्रॉपर्टी होती है जो शरीर में विभिन्न प्रकार के कैंसर जैसे ब्रैस्ट कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, मेलेनोमा, कोलन कैंसर, ल्यूकीमिया, लंग कैंसर आदि को होने से रोकती है और इस हर्ब का खासतौर से इस्तेमाल ब्रैस्ट कैंसर के प्रिवेंशन के लिए जाता है।
इम्यून सिस्टम मज़बूत करने में सहायक-
वराहीकन्द में विटामिन सी, उच्च एंटी ऑक्सीडेंट और इम्यून बूस्टिंग प्रॉपर्टी होती है जो शरीर को रोगों से लड़ने की शक्ति देते है और सामान्य बीमारियों जैसे सर्दी, खांसी, बुखार आदि को होने से रोकती है। वराहीकन्द शरीर में एंटीबाडीज निर्माण को उत्तेजित करता है जिससे शरीर pathogens से लड़ने के योग्य हो जाता है और हम कम बीमार पड़ते हैं। इसमें anti pyretic गुण होते हैं जो बुखार को ठीक करने में उपयोगी है साथ ही यह शरीर में फ्री रेडिकल के प्रभाव को रोककर सेलुलर डैमेज से भी शरीर की रक्षा करती है।
पाचन दोषों को सुधारने में लाभदायक-
वराहीकन्द पाचन मज़बूत करती है, और विभिन्न पाचन विकारों जैसे bloating, डायरिया, dysentery, खाना देर से पचना आदि को दूर करती है। यह intestines में villi की एक्टिविटी बढ़ाकर waste material को शरीर से बाहर निकलने में मदद करती है और इस तरह ये कब्ज़ या कॉन्स्टिपेशन को होने से रोकती है। इस गुणकारी हर्ब का इस्तेमाल वात पित्त और कफ दोषों को दूर करने में भी किया जाता है और वात पित्त असंतुलन के कारण होने वाले दोषों जैसे neuralgia, paralysis, अफारा आदि को होने से भी रोकती है।
घाव जल्दी भरने में सहायक-
शरीर में लगी चोट या कट आदि को जल्दी ठीक करने में वराहीकन्द के पेस्ट का इस्तेमाल किया जाता है, जैसा की हम सभी जानते हैं विटामिन सी wound healing में मदद करता है, इसी कारण यह हर्ब घाव जल्दी ठीक करने में काफी असरदार है। इसमें पाए वाले एंटी ऑक्सीडेंट और एंटी माइक्रोबियल गुण चोट से प्रभावित अंग में किसी प्रकार के संक्रमण को होने से रोकते हैं और वराहीकन्द का इस्तेमाल बवासीर के उपचार में भी किया जाता है।
कार्डियक हेल्थ सुधारने करने में लाभदायक-
वराहीकन्द एक अच्छे कार्डियक टॉनिक के रूप में काम करती है, यह विभिन्न ह्रदय रोगों को ठीक करने और उनसे बचाव करने में उपयोगी है, इसमें anti hypertensive properties होती है, जो उच्च रक्तचाप के रोगियों के लिए फायदेमंद है। यह ह्रदय गति सामान्य बनाये रखती है साथ ही यह शरीर में arrhythmia, कोलेस्ट्रॉल, triglycerides आदि को नियंत्रित रखने में भी सहायक है और angina, cardiac arrest आदि के रिस्क को भी कम करती है।
स्किन हेल्थ बूस्ट करने में सहायक-
वराहीकन्द में एंटी ऑक्सीडेंटऔर और एंटी एजिंग प्रॉपर्टीज पायी जाती हैं जो स्किन को लम्बे समय तक स्वस्थ व जवान बनाये रखने में मदद करती है, साथ ही इसमें मौजूद विटामिन सी त्वचा को चमकदार बनाता है और रंगत निखारता है। यह हर्ब स्किन में कोलेजन फार्मेशन में मदद करता है और त्वचा के दाग धब्बों, पिम्पल्स, पिगमेंटेशन आदि को दूर करने में सहायक है, इतना ही नहीं यह हानिकारक मुक्त कणों के प्रभाव से स्किन को बचाकर असमय बुढ़ापे के लक्षणों को आने से रोकने में भी असरदायी है।
यूरिनरी ट्रैक्ट इन्फेक्शन ठीक करने में सहायक-
वराहीकन्द मूत्र संस्थान के विभिन्न रोगों और संक्रमणों को ठीक करने में काफी उपयोगी है, यह किडनी की फिल्ट्रेशन रेट को बढ़ाती है, स्टोन फार्मेशन को रोकती है, साथ ही इसके सेवन से पेशाब में दर्द, जलन, पेशाब रुक रुककर आना आदि समस्याओं को भी ठीक किया जा सकता है।
मधुमेह को ठीक करने में लाभदायक है-
डायबिटीज एक सीरियस हेल्थ इशू है, जिसमे वराहीकन्द बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है। इसके इस्तेमाल से ब्लड ग्लूकोस लेवल कण्ट्रोल रहता है और इसकी anti inflammatory व anti oxidants properties अग्नाशय (pancreas) की बीटा सेल्स में हुए डैमेज को ठीक करके इन्सुलिन हॉर्मोन का उत्पादन बढ़ाती है और ब्लड में जो अतिरिक्त ग्लूकोस होता है उसे ग्लाइकोजन के रूप में स्टोर करने में मदद करती है।
अन्य लाभ-
- यह शरीर में सूजन कम करती है।
- यह आँखों से रिलेटेड समस्याएं जैसे ग्लूकोमा और कंजक्टिवाइटिस को ठीक करती है।
- यह वज़न कम करने में सहायक है।
- यह शारीरिक दर्द को कम करती है।
- यह मस्तिष्क की कार्यक्षमता सुधारने में उपयोगी है।
Varahi Kand khane ka Tarika – खुराक
वराहीकन्द को आप tuber यानि कन्द के रूप में भी खा सकते हैं और उसका पाउडर बनाकर भी सेवन कर सकते हैं, इसको सामान्यतः 3-5 ग्राम प्रतिदिन हलके गरम दूध, पानी या शहद के साथ लेने की सलाह दी जाती है। अच्छा होगा कि आप इसका सेवन शुरू करने से पहले डॉक्टर से कंसल्ट करें जिससे वो आपकी आयु, लिंग, और शारीरिक स्थिति के अनुसार आपके लिए dose का निर्धारण कर सकें, उसके बाद निर्धारित मात्रा में ही आपको इसका सेवन करना चाहिए।
साइड इफेक्ट्स
हम सभी जानते हैं दोस्तों कि प्राकर्तिक हर्ब्स के इस्तेमाल से दुष्प्रभावों की सम्भावना न के बराबर ही होती है और आमतौर पर वराहीकन्द का भी कोई दुष्प्रभाव देखने को नहीं मिलता है, लेकिन कुछ hypersensitive लोगों में या किसी अन्य बीमारी जैसे ह्रदय रोग, किडनी रोग आदि के कारण और उनके इलाज के लिए खायी जा रही दवाओं के interaction के कारण कुछ असामान्य symptoms सामने आ सकते हैं जैसे-
- स्किन एलर्जी जैसे त्वचा पर लाल चकत्ते बनना, खुजली होना, रेडनेस आदि होना।
- शारीरिक बेचैनी
- पाचन सम्बन्धी समस्याएं
- चक्कर आना व उल्टी आना
- ज़्यादा मात्रा में सेवन करने से पित्त बढ़ जाना
- लिवर डैमेज (क्योंकि इसमें हेपटोटोक्सीसिटी का गुण होता होता है) आदि








