वृद्धदारु जिसे सामान्य बोलचाल की भाषा में विधारा, एलीफैंट क्रीपर, मॉर्निंग ग्लोरी, सिल्की एलीफैंट ग्लोरी आदि नामों से जाना जाता है, एक बेहतरीन आयुर्वेदिक जड़ी बूटी है जिसका इस्तेमाल ह्यूमन हेल्थ को इम्प्रूव करने के लिए मुख्य रूप से किया जाता है।
वृद्धदारु या विधारा को botanically ‘Argyreia nervosa’ के रूप में जाना जाता है और यह ‘Convolvulaceae’ family से बिलोंग करती है, यह एक सदाबहार creeper plant है जो की बेल के रूप में दीवारों पर बढ़ती व भूमि पर फैलती है। यह भारत का नेटिव पौधा है और ओडिसा, बिहार व असम राज्यों में बहुतायत से देखने को मिलता है, इसके अलावा यह उष्ण और उपोष्ण कटिबंधीय प्रदेशों में अच्छी तरह से ग्रो करता है और दक्षिणी अमेरिका, पूर्वी एशिया और कैरेबियन देशों में भी पाया जाता है। विधारा का पौधा नमी वाले स्थानों पर पाया जाता है जैसे नदी के किनारे और यह 10 मीटर की ऊंचाई तक बढ़ सकता है। इसके फूल बैंगनी रंग के होते हैं जो कि डेकोरेशन के लिए भी इस्तेमाल किये जाते हैं और इसकी पत्ती अंडाकार होती है। विधारा हल्का और स्निग्ध गुणों वाला होता है, इसका स्वाद कसैला होता है और यह शुक्र, मेधा, बल, अग्नि, स्वर, कांति आदि में वृद्धि करने वाला होता है। विधारा के बीज, पत्तियां व जड़ का इस्तेमाल औषधि के रूप में होता है, इसके बीजों में alkaloids, chanoclavine, ergine, ergonovime , isoergine raisin आदि तत्व पाए जाते हैं और इसमें aphrodisiac, एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी बैक्टीरियल, एंटी फंगल, एंटी ऑक्सीडेंट, एंटी डायबिटिक, हेपटोप्रोटेक्टीव, इम्मुनोप्रोटेक्टिव, और restorative प्रॉपर्टीज पायी जाती हैं, जो हेल्थ के लिए विभिन्न प्रकार से उपयोगी है। विधारा का इस्तेमाल नया नहीं है बल्कि प्राचीन काल से ही विभिन्न रोगों के इलाज के लिए इसे प्रयोग किया जाता रहा है, इसकी जड़ों का काढ़ा खांसी, ज़ुकाम, गले में संक्रमण आदि को दूर करने के लिए पुराने समय से ही विख्यात है और इसकी पत्तियों को फोड़े फुंसी को जल्दी mature करके pus निकालने और घाव को जल्दी भरने में मदद करने के लिए इस्तेमाल किया जाता रहा है। कई रेसर्चेस के बाद यह सामने आया कई ही यह पुरुषों में शुक्राणु निर्माण करने और टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन का secretion बढ़ाने में इफेक्टिव है, और इसीलिए यौन दुर्बलताओं को ठीक करने के लिए बनायीं जाने वाली हर्बल दवाओं में यह main इंग्रेडिएंट के तौर पर इस्तेमाल किया जाता है। चलिए इसके मुख्य स्वास्थ लाभों के बारे में जानते हैं-

विधारा के स्वास्थ्य लाभ
घाव जल्दी ठीक करता है
Vidhara में उच्च एंटी इंफ्लेमेटरी प्रॉपर्टीज होती हैं इसीलिए इसका इस्तेमाल शरीर पर लगी चोट या घाव को जल्दी हील करने में किया जाता है। अफेक्टेड एरिया पर इसे अप्लाई करने के लिए आप इसकी पत्तियों का पेस्ट बनाकर भी लगा सकते हैं और पत्तियों को अच्छी तरह से धोकर भी चोट पर लगा सकते हैं, इसमें मौजूद सूथिंग प्रॉपर्टीज आपको दर्द में relief देंगी और घाव को भी जल्दी ठीक होने में मदद करेंगी। चोट पर इसे लगाने का एक फायदा ये भी होगा कि ये घाव वाले स्थान पर इन्फेक्शन होने से भी रोकेगी क्योंकि इसमें एंटी माइक्रोबियल गुण भी पाए जाते हैं।
आर्थराइटिस ठीक करने में असरदार–
विधारा एक ऐसी पोटेंट हर्ब हैं जो क्रोनिक बॉडी पैन, जोड़ो में दर्द, rheumatoid arthritis ,कमर में दर्द हड्डियां कमज़ोर होना आदि में काफी राहत देती हैं, इसका इस्तेमाल गठिया के रोगियों के लिए मुख्य रूप से होता है। गठिया या गाउट के बारे में तो अपने सुना ही होगा दोस्तों, यह एक मेटाबोलिक डिसऑर्डर होता हैं जिसमें यूरिक एसिड जो कि एक waste metabolic product होता हैं, जोड़ों में जमा होना लगता है जिसके कारण असहनीय दर्द होता है, जोड़ों में सूजन आ जाती है और व्यक्ति को चलने फिरने में भी परेशानी होने लगती है। विधारा में जैसा कि हम जान चुके हैं, एंटी इंफ्लेमेटरी और rejuvenating प्रॉपर्टी होती हैं जो जोड़ों में दर्द व सूजन को कम करती हैं, हड्डियां मज़बूत बनाकर फ्रैक्चर के रिस्क को कम करती हैं और अन्य bone deformities को होने से रोकती है। आर्थराइटिस के रोगी को आप विधारा की जड़ को सुखाकर पाउडर बनाकर 5 ग्राम दिन में दो बार दे सकते हैं।
त्वचा सम्बन्धी परेशानियों में
वृद्धदारु एक ऐसी हर्ब है जो स्किन रिलेटेड ailments को ठीक करने में काफी मदद करती है, और इसीलिए इसका प्रयोग बहुत से कॉस्मेटिक और हेल्थ केयर प्रोडक्ट्स में as an active ingredient किया जाने लगा है। वृद्धदारु त्वचा में सूजन , inflammation, itching, redness, pimples, skin infection आदि को ठीक करती है, स्किन को rejuvenate करती है, स्किन को ग्लोइंग व सॉफ्ट बनाती है और स्किन में कोलेजन सिंथेसिस को प्रमोट करती है जो त्वचा को लम्बे समय तक जवान बनाये रखने के लिए आवश्यक होता है। विधारा में मौजूद एंटी ऑक्सीडेंट स्किन को हानिकारक फ्री रेडिकल डैमेज से बचाते हैं और skin sagging wrinkles, fine lines आदि early ageing signs आदि को आने से भी रोकते हैं अपनी स्किन हेल्थ को इम्प्रूव और मेन्टेन करने के लिए आप वृद्धदारु के एक्सट्रेक्ट को किसी पैक में मिक्स करके या डायरेक्ट भी लगा सकते हैं।
मानसिक स्वास्थ्य सुधरने में मदद करती है
वृद्धदारु एक अच्छे nervine tonic के रूप में काम करती है, मस्तिष्क की कार्यप्रणाली में सुधार करती है और तनाव, चिंता व डिप्रेशन को कम करती है जो कि आजके समय की एक बहुत बड़ी समस्या है जिससे सभी प्रभावित हैं। इसमें एंटी ऑक्सीडेंट और revitalizing प्रॉपर्टीज होती हैं, जो नर्व सेल की फ्री रेडिकल से रक्षा करती है, कॉग्निटिव पावर बढ़ाती है और शरीर में स्ट्रेस हॉर्मोन ‘कोर्टिसोल’ के लेवल को कम करती है। वृद्धदारु में anti stress और anti fatigue गुण होते हैं, यह हर्ब दिमाग शांत करती है, मस्तिष्क कोशिकाओं को पर्याप्त ऑक्सीजन पहुंचाने में मदद करती है, विभिन्न neurological disorders जैसे एपिलेप्सी, मेनिया, पार्किंसंस डिजीज, आदि को ठीक करने में लाभदयक है, साथ ही जिन लोगों को insomnia (नींद न आना) की प्रॉब्लम होती है उनके लिए नेचुरल सेडेटिव के रूप में काम करती है और बेहतर नींद लेन में मदद करती है।
Digestive system मज़बूत बनाती है
आजकल जिस प्रकार हमारी खानपान सम्बन्धी आदतें बदल रही हैं और डाइट से पोषक तत्व कम होते जा रहे हैं, ऐसे में पाचन सम्बन्धी समस्याएं होना बहुत नेचुरल है, लेकिन प्रोब्लेम्स को ठीक करना और आगे प्रिवेंशन भी ज़रूरी होती है। तो दोस्तों, वृद्धदारु आपके लिए एक useful नेचुरल इंग्रेडिएंट है जो पाचन क्षमता को मज़बूत बनाती है, पेट दर्द, गैस, एसिड रिफ्लक्स आदि परेशानियों में इफेक्टिव है। इस multi faceted हर्ब का इस्तेमाल आप कब्ज़ होने पर या बवासीर होने पर भी कर सकते हैं आपको काफी आराम मिलेगा, इतना ही नहीं यह मेटाबोलिज्म बूस्ट करती है, जिससे आपके शरीर को जो ऊर्जा खाने के बाद मिलती है वो जल्दी utilize होने लगती है और बॉडी में फैट के रूप में स्टोर नहीं होती है। जो लोग वज़न करना चाहते हैं वो इसकी जड़ का काढ़ा पी सकते है और इसकी पत्तियों का पेस्ट बनाकर शरीर पर massage कर सकते हैं ऐसा करने से शरीर में स्टोर्ड फैट के breakdown में मदद मिलती है।
पुरुष सेक्स हेल्थ को सुधारती है
वृद्धदारु एक नेचुरल libido booster है जो पुरुषों में कामेच्छा में वृद्धि करती है और यह stress induced performance anxiety को भी कम करती है जिससे काम प्रदर्शन और टाइमिंग दोनों इम्प्रूव होती हैं। वृद्धदारु में aphrodisiac properties होती हैं, यह जनन अंगों में स्टिमुलेशन पैदा करती हैं, सेक्स ऑर्गन्स को मज़बूती देती हैं, और मुक्त कणों के प्रभाव से penile tissues की रक्षा करती है। कभी कभी penile chambers तक प्रॉपर ब्लड सप्लाई न होने से लिंग में कठोरता नहीं आ पाती है, ऐसे में आप इस पावरफुल हर्ब को use कर सकते हैं, यह लिंग में ब्लड फ्लो बढ़ाती है, स्तम्भन दोष दूर करती है और premature ejaculation को ठीक करती है। आपने देखा भी होगा, बहुत सारी यौन स्वास्थ्य बढ़ाने वाली आयुर्वेदिक दवाओं में इसका इस्तेमाल मुख्य तौर से किया जाता है क्योंकि यह पुरुषों के लगभग सभी सेक्स इश्यूज को ठीक करती है, इसका प्रयोग स्पर्म काउंट और मोटिलिटी को सुधारने में किया जाता है और यह वीर्ये सम्बन्धी दुर्बलताओं को भी ठीक करती है।
विधारा के अन्य लाभ
- यह अच्छे कार्डिओटोनिक के रूप में काम करती है, उच्च रक्तचाप को नियंत्रित करता है, ह्रदय गति नियंत्रित रखता है और अन्य हार्ट प्रोब्लेम्स को होने से रोकता है।
- यह शरीर में ब्लड ग्लूकोस को कम करती है और डायबिटीज की समस्या में लाभदायक है।
- यह पेचिश, दस्त, पेट दर्द आदि को कम करती है।
- यह यकृत की कार्यप्रणाली को बेहतर बनाती है।
- यह भूख बढ़ाती है।
- यह शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मज़बूत बनाती है।
- यह खांसी, ज़ुकाम, बुखार आदि को ठीक करती है।
- यह सिर दर्द को कम करती है।
- यह मूत्र सम्बन्धी समस्याओं को दूर करती है, पेशाब में दर्द, जलन आदि को ठीक करती है और किडनी हेल्थ इम्प्रूव करती है।
Vidhara Khane ka Tarika – Vidhara Dose
वृद्धदारु को पाउडर के रूप में, काढ़े के रूप में या इसकी पत्तियों का पेस्ट बनाकर आदि रूपों में इस्तेमाल किया जा सकता है। अगर आप इसे चूर्ण के रूप में ले रहे हैं तो 3-5 ग्राम इसकी dose आप ले सकते हैं। इसकी पत्तियों को पानी में उबालकर काढ़ा बनाकर अगर आप लेना चाहते हैं तो 15-20 मिलीलीटर मात्रा का सेवन कर सकते हैं, और घाव पर पत्तियों का पेस्ट लगाया जा सकता है । फिर भी इसका प्रयोग करने से पहले एक बार आपको किसी अच्छे डॉक्टर से ज़रूर मिलना चाहिए जिससे आपकी आयु, जेंडर, शारीरिक स्थिति के अनुसार dose का निर्धारण किया जा सके।
Vidhara ke Side Effects
वृद्धदारु एक आयुर्वेदिक हर्ब है जिसके इस्तेमाल से दुष्प्रभावों की सम्भावना न के बराबर होती है, लेकिन हाँ दोस्तों, अगर वृद्धदारु का निर्धारित मात्रा से ज़्यादा सेवन किया जाए तो यह खतरनाक साबित हो सकता है क्योंकि इसके बीजों में लाइसरगामाइड (एलएसए) नाम का हैलुसिनोजेनिक यौगिक होता है जो भ्रम पैदा करता है। और कुछ लोगों के hypersensitive होने पर या सही मात्रा में इस्तेमाल न करने पर कुछ साइड इफेक्ट्स देखने को मिल सकते हैं जैसे-
- पेट दर्द (abdominal discomfort)
- चक्कर आना (Dizziness)
- उलटी आना (Vomiting)
- बेचैनी होना (Restlessness)
- उच्च रक्तचाप (High blood pressure)
- सीने में जलन (Heartburn)
- स्किन एलर्जी (Skin allergy) आदि








