घोस्टिंग तुलनात्मक रूप से एक नया शब्द है जो आजकल बहुत इस्तेमाल हो रहा है. आइये जानते हैं क्या होती है घोस्टिंग और अगर आप घोस्टिंग से जूझ रहे हैं तो कैसे घोस्टिंग का सामना करें. घोस्टिंग का भूत-प्रेत से कोई लेना देना नहीं है बल्कि यह शब्द प्यार और रिश्तों के सन्दर्भ में इस्तेमाल होता है. घोस्टिंग का अर्थ होता है जब कोई व्यक्ति बिना कुछ बताये, बिना किसी स्पष्टीकरण और चेतावनी के, बिना किसी स्पष्ट कारण के, दूसरे व्यक्ति से सम्बन्ध और बातचीत को बिलकुल बंद कर देता है। घोस्टिंग सिर्फ प्रेम संबंधों तक ही सीमित नहीं है बल्कि यह स्थिति विभिन्न प्रकार के संबंधों में घटित हो सकती है, जैसे कि दोस्ती, व्यावसायिक संबंध, या परिवारिक संबंध। इसका नाम घोस्टिंग इसलिए पड़ा क्योंकि सम्बन्ध समाप्त करने वाला व्यक्ति एक तरह से भूत की तरह ही ज़िन्दगी से गायब हो जाता है और जिसकी साथ उसने घोस्टिंग का व्यव्हार अपनाया है उस व्यक्ति के जीवन में पुरानी यादें भूत की छाया की तरह ही रह जाती हैं.

घोस्टिंग पीड़ित को मनोवैज्ञानिक रूप स तोड़ देती है. वह इस बात की व्याख्या चाहता है कि आखिर ऐसा हुआ क्या है , लेकिन उसको इस बात का कभी जवाब नहीं मिल पाता है. प्रेम संबंधों में घोस्टिंग, ब्रेक-अप की तुलना में कई गुना पीड़ादायी होती है. कई बार घोस्टिंग पीड़ित को स्थायी तौर पर मानसिक रूप से भी विकलांग कर सकती है. इसलिए ज़रूरी है कि आप घोस्टिंग को समझें और इसका सामना करें.
यहां कुछ सुझाव दिए गए हैं जिनसे आप इसका सामना कर सकते हैं:
समय दें:
अपने भावनाओं को समझने के लिए खुद को थोड़ा समय दें। यह स्वाभाविक है कि जब कोई व्यक्ति आपकी ज़िन्दगी से बिना कुछ बताये और कारण के चला जाता है, तो आपको उलझन और गुस्सा महसूस होता है। आप जितना उस व्यक्ति के बारे में सोचते हैं उतना ही आप उलझते चले जाते हैं. इसलिए ज़रूरी है कि इससे पहले आप अवसाद के तलहीन दलदल में समायें, आप समय रहते खुद को समझाएं कि हर बात का कारण जानना ज़रूरी नहीं होता है. खुद को समय दें, अच्छे और धनात्मक दृष्टिकोण वाले दोस्तों के साथ समय बिताएं.
स्थिति पर विचार करें:
अगर आप इस स्थिति से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं कि आखिर हुआ क्या था. कारण जानने की बेचैनी आपकी रोज़मर्रा की सामान्य ज़िन्दगी के प्रवाह को रोक रही है तो बेहतर है कि आप बैठें, एक कागज़ पर कुछ संभावित कारणों को लिखें और उनमें से सबसे ज़्यादा सही विकल्प को चुन लें. निश्चय कर लें कि यही कारण था और खुद से वादा कर लें कि आज के बाद मैं उस व्यक्ति या घोस्टिंग के बारे में नहीं सोचूंगा. थोड़ा कठिन है लेकिन ध्यान रहे मनुष्य ने इच्छा शक्ति और बुद्धि बल से ही उन पर भी पार पा ली है जो शक्ति और सामर्थ्य में मनुष्य से कहीं आगे होते हैं.
संपर्क करें (एक बार):
अगर आपको ठीक लगे, तो अपनी भावनाओं को व्यक्त करने और वजह मांगने के लिए एक शिष्ट और एक ऐसा सन्देश भेजने की कोशिश करें जिसक अर्थ यह निकलता हो कि आप सिर्फ वजह जानने में दिलचस्पी रखते हैं और किसी तरह का सम्बन्ध या वाद-विवाद नहीं चाहते हैं. लेकिन ध्यान रखें कि खुद को इसके लिए भी तैयार रखें कि यह भी हो सकता है कि कोई उत्तर ही न मिले और दोबारा संपर्क करने से पूरी तरह से बचें.
कॉमन-फ्रेंड्स से सलाह करें
ऐसे दोस्तों से ताल्लुकात ख़त्म करने की वजह जानने की कोशिश करें जो आप दोनों के कॉमन दोस्त थे. हो सकता है कि आपको वजह मिल जाए कि आखिर उस व्यक्ति ने सम्बन्ध समाप्त करने के लिए घोस्टिंग का तरीका क्यों अपनाया. साथ ही यह भी ध्यान रखें कि हर व्यक्ति के बताने का अपना एक ढंग हो सकता है और यह भी हो सकता है कि आपका दोस्त बात को जानबूझकर इस तरह से बदलकर बताये जो आपको मानसिक आघात पहुंचाए. इसलिए किसी की बात पर अक्षरशः विश्वास न करके, उसमें से अपने अनुभव के आधार पर केवल सन्दर्भ की बात छांटने की कोशिश करें.
सीखें:
इस अनुभव को व्यक्तिगत विकास का एक अवसर के रूप में उपयोग करें। यह सोचें कि आपने संबंध से क्या सीखा है, और विचार करें कि आप कैसे उन सीखों को भविष्य के कनेक्शन्स में लागू कर सकते हैं।
निगेटिव विचारों, निगेटिव व्यक्तियों और टकराव से बचें:
आपके मन में कई बार घोस्टिंग करने वाले व्यक्ति के अहित के बारे में भी ख्याल आ सकता है, या खुद के बारे में कोई बुरा विचार आ सकता है. नेगटिव लोग ऐसे विचारों को और त्वरित कर देते हैं. ऐसे विचारों और लोगों से बचें.
साथ ही अगर आप सोच रहे हैं कि आप कोई साहसिक कदम उठकर घोस्टिंग करने वाले से मिल लेंगे या वजह निकलवा लेंगे या उसको किस बात के बल पर बलैकमेल करेंगे तो तुरंत इस ख्याल को झटक दें. याद रखें कि किसी इंसान के तीन सबसे बड़े दुश्मन होते हैं : गुस्सा, बुरे दोस्त या संगत और अतिसाहस.
आगे बढ़ें:
इस बात को स्वीकार करें कि विवाद का समाधान व्यक्ति से नहीं आता है। विवाद का समाधान आगे बढ़ने से आता है. ज़िन्दगी एक जलधारा है और इसकी प्रकृति आगे बढ़ना है. नए संबंध बनाने और नए अनुभव प्राप्त करने पर ध्यान केंद्रित करें।
सीमाएँ तय करें:
खुद को इस बात के लिए भी तैयार रखें कि अगर वह व्यक्ति, जिसने आपको घोस्ट किया है, भविष्य में फिर से आपसे मिलता है, तो आपको क्या करना है. सावधानीपूर्वक तय करें कि क्या आप उससे फिर से संपर्क स्थापित करना चाहते हैं। क्या उसे कोई ग़लतफ़हमी हो गई थी और उसने आपसे संबंध समाप्त कर लिए थे. लेकिन एक बात ज़रूर सोचें कि जिस व्यक्ति आपसे संबंध तोड़ने से पहले आपसे वजह बतानी भी ज़रूरी नहीं समझी क्या वह वाक़ई फिर से ताल्लुकात बनाने लायक है. हमारा सोचना है नहीं. अपने आप को संभालने के लिए भविष्य में स्पष्ट सीमाएँ तय करने पर विचार करें।
ध्यान रखें कि घोस्टिंग दूसरे व्यक्ति के व्यवहार को दर्शाता है, आपके व्यवहार को नहीं। ज़रूरत है आप इस बात को समझें और आपने आपको और अपने स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें. सकारात्मक और समर्थनशील लोगों के साथ समय गुज़ारें।








