शरीर के बाकी हिस्सों की तरह पुरुष के जनन अंगों की सफाई भी बहुत आवश्यक है. पुरुष जनन अंगों की सफाई में जनन अंगों के बालों की सफाई अत्यंत महत्वपूर्ण है. हालांकि जनन अंगों के बालों को बढ़ाना है या साफ़ कर देना है यह हर व्यक्ति की निजी पसंद होती है और व्यक्ति किस कल्चर या धर्म से सम्बन्ध रखता है यह बात भी जनन अंगों के हटाने या रखने को प्रभावित करती है, लेकिन ज़्यदातर लोग जनन अंगों के बालों को पूरी तरह से साफ़ रखते हैं यानी जनन अंगों के बालों को हटा देते हैं. आज के इस लेख में हम पुरुष जनन अंगों की सफाई के महत्त्वपूर्ण तरीकों पर चर्चा करेंगे.
जनन अंगों के बालों को हटाने के तरीके मुख्य तौर पर व्यक्ति की निजी पसंद और सुविधा पर निर्भर करते हैं. कई बार जनन अंगों के बालों की सफाई का तरीका फैशन या उसके साथी की पसंद पर भी निर्भर कर सकता है.

ट्रिमिंग (छंटाई)

ट्रिमिंग का मतलब होता है छंटाई, यानी बालों को पूरी तरह से साफ़ न करके उनकी छंटाई कर देना. इसमें छोटी कैंची या इलेट्रॉनिक ट्रिमर या ग्रूमिंग क्लिपर का इस्तेमाल करके बालों की लम्बाई को पूरी तरह से ख़त्म करके जड़ से मिला दिया जाता है. इस विधि से जनन अंगों के बालों का रखरखाव वे लोग पसंद करते हैं जो या तो बिलकुल ‘स्मूथ शेव’ पसंद नहीं करते हैं या जो स्किन सेंसिटिविटी की वजह से रेज़र या दूसरे तरीके इस्तेमाल नहीं कर पाते हैं.
शेविंग

जनन अंगों के बालों को रेज़र / ब्लेड की मदद से पूरी तरह से साफ कर देना जनन अंगों की सफाई का सबसे आम और प्रचलित तरीका है. इसमें क्रीम / जेल आदि की मदद से पहले बालों को मुलायम कर लिया जाता है और फिर ब्लेड की मदद से साफ़ कर दिया जाता है. इसमें बहुत सावधानी की ज़रुरत होती है. इस विधि से सफाई करने से हाइजीन अच्छी रहती है और चिकनी त्वचा मिलती है. लेकिन बालों को निश्चित समय अंतराल पर सफाई की ज़रुरत रहती है. आजकल बाजार में इलेक्ट्रॉनिक रेज़र भी उपलब्ध है.
वैक्सिंग

इसमें वैक्स यानी मोम की पत्तियों (स्ट्रिप्स) की मदद से जनन अंगों के बालों की सफाई की जाती है. इसमें गर्म और ठन्डे दोनों तरह के वैक्स का इस्तेमाल किया जाता है. इस विधि से बाल जड़ समेत साफ़ हो जाते हैं. बालों के जड़ समेत ख़त्म हो जाने से एक बार वैक्सिंग करने के बाद काफी दिनों तक बालों नहीं आते हैं. वैक्सिंग स्ट्रिप्स खासतौर से हॉट वैक्स का इस्तेमाल सिर्फ प्रोफेशनल्स के द्वारा ही किया जाना चाहिए. यह विधि थोड़ी पीड़ादायी हो सकती है.
शुगरिंग
वैक्सिंग की तरह शुगरिंग में भी एक चिपचिपे पेस्ट का इस्तेमाल किया जाता है जोकि शुगर बेस्ड होता है. इसमें प्राकृतिक अवयवों जैसे लेमन जूस आदि का इस्तेमाल किया जाता है. सेंसिटिव स्किन के लिए यह वैक्सिंग की तुलना में ज़्यादा सुरक्षित होता है.
हेयर रिमूवल क्रीम ( डिपिलेटरी क्रीम )

ये केमिकल क्रीम होती हैं जिनमें ऐसे पदार्थ होते हैं जो बालों के प्रोटीन को तोड़कर बालों को कमज़ोर कर देते हैं और इस तरह बाल आसानी से त्वचा से अलग हो जाते हैं. ऐसी क्रीमों में पोटेशियम हाइड्रोक्साइड और कैल्शियम थायोग्लाइकोलेट जैसे पदार्थ होते हैं. इस विधि से साफ़ किये गए दोबारा उगने में बाल शेविंग की तुलना में लम्बा समय परन्तु वैक्सिंग की तुलना में कम समय लेते हैं.
एपिलेशन

इस विधि में बालों को इलैक्ट्रोनिक डिवाइस की मदद से पकड़कर खींचकर तोड़ दिया जाता है. इसके लिए विशेष एपिलेटर डिवाइस आती हैं.
स्थायी परन्तु गैर-परंपरागत तरीके
लेज़र हेयर रिमूवल
लेज़र किरणों की मदद से बालों की जड़ों को नष्ट कर दिया जाता है. यह बालों को ख़त्म करने का एक स्थायी समाधान है और एक बार साफ़ करने के बाद बाल दोबारा नहीं आते हैं. लेज़र हेयर रिमूवल एक निपुण टेक्नीशियन के द्वारा ही किया जाना चाहिए.
इलेक्ट्रोलाइसिस
यह भी एक ट्रेनिंग-प्राप्त व्यक्ति के द्वारा ही किया जाता है. इसमें विद्युत् धारा के ज़रिये से बालों की जड़ों को परमानेंट रूप से ख़त्म कर दिया जाता है ताकि वो दोबारा न उग सकें. लेकिन यह विधि कम बालों के लिए या छोटे से हिस्से के बालों को हटाने के लिए ही ज़्यादा उपयुक्त है.
जनन अंगों के बालों को हटाने के लिए किस विधि का प्रयोग वास्तव में करना चाहिए यह मुख्यतौर पर निम्नलिखित बातों पर निर्भर करता है:
त्वचा की संवेदनशीलता
जनन अंगों की त्वचा बहुत ही कोमल और संवेदनशील होती है. त्वचा अलग अलग तरीकों को अलग अलग प्रकार से प्रतिक्रिया दे सकती है. इसलिए जब आप पहली बार किसी विधि का प्रयोग करें तो बहुत ही सावधानीपूर्वक और कम हिस्से में करें.
दर्द
कुछ विधियां जैसे एपिलेशन और वैक्सिंग पीड़ादायक हो सकती हैं. इसलिए आप किस प्रकार से जनन अंगों के बालों को साफ़ कर रहे हैं इस बात को तय करते हुए इस बात का भी ध्यान रखें कि आपके लिए कौन सी विधि कम पीड़ादायी है.
अगर आप स्वयं से निश्चित नहीं कर पा रहे हैं कि आपके लिए सबसे सही तरीका क्या है तो बेहतर है कि आप इस विषय में ट्रेंड परसनल केयर काउंसलर या डॉक्टर से बात करें.