इरोटिका मनुष्य की काम वासना की साहित्यिक अभिव्यक्ति है. इरोटिका के अंतर्गत किताबें, पेंटिंग्स और ऐसी दूसरी कलाएं आती हैं जिनके ज़रिये से आदमी अपनी वासना को कलात्मक ढंग से अभिव्यक्त कर सकता है. जहां पोर्नोग्राफी में सेक्स के सिर्फ शारीरिक पहलू को ध्यान में रखा जाता है और पोर्नोग्राफी का मकसद सिर्फ आनंद और संतुष्टि होती है, वहीं इरोटिका के ज़रिये से मनुष्य सेक्स को एक कला के रूप में रखता है. यूं तो बच्चों के साहित्य को छोड़ दिया जाय तो लगभग हर उपन्यास और कहानी में कुछ न कुछ शारीरिक अभिव्यक्ति होती है लेकिन इरोटिका में इन बातों को और स्पष्ट ढंग से व्यक्त किया जाता है. इस तरह से इरोटिका सेक्स की अभिव्यक्ति में एक सामान्य व्यस्क कहानी और पोर्नोग्राफी का एक संकर रूप है.
जैसे कि हमने बताया कि इरोटिका में कहानी, उपन्यास, पेंटिंग, नाटक, नृत्य, फिल्म आदि कलाएं आती है लेकिन यह लेख मुख्य रूप से साहित्य यानि लिखित इरोटिका पर केंद्रित है.
आइये जानते हैं कुछ ऐसे इरोटिका लिट्रेचर के बारे में जो आज भी बहुत लोकप्रिय हैं :
कामसूत्र :
इरोटिका का ज़िक्र आये और कामसूत्र का ज़िक्र न हो ऐसा तो हो ही नहीं सकता है. कामसूत्र वात्स्यायन नाम क व्यक्ति द्वारा तीसरी से चौथी सदी के आसपास संस्कृत भाषा में लिखा गया एक बेजोड़ सेक्स व्याख्यान है. कामसूत्र को सेक्स का एन्साइक्लोपीडिआ भी कहा जा सकता है. इसमें मानव सेक्सुअलिटी के लगभग सभी पहलुओं को समझाया गया है, सेक्शुअल कम्पेटिबिलिटी जिसे हम तथाकथित रूप से आधुनिक अवधारणा सझते हैं, वह कामसूत्र में मौजूद है. कामसूत्र में सेक्स पॉज़िशन्स जैसी बातों के साथ साथ यह भी बताया गया है कि वास्तविक सेक्स वह है जिसमें प्यार, भावना और आनंद तीनों मौजूद हों.
द परफ्यूम्ड गर्दन ऑफ सेंसुअल डिलाइट्स :
यह एक और क्लासिकल सेक्स गाइड है जो पंद्रहवी सदी में अल नफ़्ज़ाई के द्वारा लिखा गया. यह किताब सेक्स से जुड़े सभी विषयों पर बात करती है. इसमें बताया गया है पुरुष स्त्री में क्या चाहता है, औरत पुरुष से क्या चाहती है. योनि के चालीस और लिंग के तीस पर्यायवाची इसमें बताये गए हैं. इसमें सिर्फ सेक्स के प्लेज़र वाले पहलू पर ही फोकस नहीं किया गया है बल्कि यह भी बताया गया है कि अधिक सेक्स से क्या क्या नुकसान होते हैं और अगर नपुंसकता यानी लिंग में उत्तेजना न आये तो उसका इलाज कैसे करें.
डेल्टा ऑफ़ वीनस
आनेस निन की इरोटिक कहानियों का यह संग्रह इच्छा, प्रेम, और करीबी रिश्तों की जटिलताओं के इर्द गिर्द घूमता है.
लेडी चैटरलीज़ लवर
डी.एच. लॉरेंस का यह उपन्यास लेडी चैटर्ली की सेक्शुअल अवेकनिंग और उसके विभिन्न शारीरिक संबंधों के बारे में है.
स्टोरी ऑफ़ ओ
पॉलीन रिएज़ द्वारा लिखित यह उपन्यास BDSM जैसे अपरंपरागत और टैबू विषय पर आधारित है.
फिफ्टी शेड्स ऑफ़ ग्रे
ई.एल. जेम्स का यह उपन्यास बहुत ही खूबसूरती से BDSM जैसे टॉपिक को रोमांटिक बना देता है. यह उपन्यास शुरुआत में विवादास्पद था लेकिन बाद में इसपर आधारित कई सफल फिल्में बनीं.
ट्रॉपिक ऑफ़ कैंसर
हेनरी मिलर का यह उपन्यास माना जाता है कि उनके खुद के जीवन पर धारित है और इसमें उन्होंने पेरिस में अपने सेंसुअल (सेक्स) अनुभव को एक कहानी के रूप में पाठकों के सामने रखा है.
द क्लेमिंग ऑफ स्लीपिंग ब्यूटी
ऐनी राइस ने यह नॉविल एक छदम नाम से लिखा है जिसमें उन्होंने सोती हुई राजकुमारी की परीकथा को इरोटिक रूप में लिखा है.
फिअर ऑफ फ्लाइंग
एरिका जोंग के फिअर ऑफ फ़्लाइंग को पूरी तरह से इरोटिका तो नहीं कहा जा सकता है लेकिन इसमें औरत की सेक्स इच्छा का बड़ा सजीव वर्णन किया गया है.
वीनस इन फर्स
यह एक क्लासिकल इरोटिका है जिसमें डोमिनेंस और सब्मिशन पर आधारित पुरुष सेक्शुअलिटी और मासोचिज़म को समझाने की कोशिश की गयी है.
द सेक्शुअल लाइफ ऑफ कैथरीन
यह कैथरीन मिले की स्वयं की आत्मकथा है जिसमें कैथरीन अपनी खुद की सेक्स लाइफ और सामाजिक चुनौतियों के बारे में लिखती हैं.
इरोटिका हर समय और हर समाज में प्रचलित रही है और इसकी एक वजह भी है कि इरोटिका कि ज़रिये से हमें ह्यूमन सेक्शुअलिटी जैसे गूढ़ विषय को समझने में सहायता मिलती है.