क्या आप ईडिपस काम्प्लेक्स के बारे में जानते हैं. आइये हम आपको बताते हैं कि ईडिपस कॉम्प्लेक्स (Oedipus Complex) क्या होता है. मशहूर मनोविश्लेषक सिग्मंड फ्रायड के अनुसार एक लड़का जब तीन से छह साल के बीच की उम्र का होता है तो वह अपने पिता को अपने प्रतिद्वंद्वी के तौर पर देखता है और उसके अवचेतन मन में अपनी माँ के प्रति काम भावना होती है. फ्रायड के अनुसार यह अवस्था बच्चे की पहचान के विकास, खासतौर से उसके मनोलैंगिक विकास (साइकोसेक्शुअल डेवलपमेंट = Psychosexual Development)) का एक हिस्सा होती है.

फ्रायड एक ऑस्ट्रियन मनोवैज्ञानिक थे और उन्होंने ईडिपस कॉम्प्लेक्स की अवधारणा को उन्नीसवीं शताब्दी के अंत में अपनी मनोलैंगिक थ्योरी के अंतर्गत लोगों के सामने रखा था. मनोलैंगिक थ्योरी हमें बताती है कि बच्चे में सेक्शुअलिटी का कैसे विकास होता है, कैसे एक लड़का इस निष्कर्ष पर पहुँचता है कि उसके प्रेम का पात्र वास्तव में एक लड़की है, न कि एक लड़का. फ्रायड ने ईडिपस कॉम्प्लेक्स का नाम एक मिथकीय यूनानी राजा के नाम पर रखा. यूनानी कथा के अनुसार ईडिपस के पैदा होने पर यह भविष्यवाणी की गयी थी कि ईडिपस अपने पिता का वध करेगा और कहानी के अनुसार हुआ भी ऐसे ही. ईडिपस अपने वास्तविक माता पिता को नहीं जनता था और अनजाने में अपने पिता को मार देता है और माँ से शादी कर लेता है. जिस प्रकार कहानी वाले ईडिपस को अपने पिता का नहीं पता था और वह अपने पिता को मार देता है, इसी प्रकार ईडिपस कॉम्प्लेक्स के अनुसार एक लड़का अवचेतन रूप में अपनी माता के प्रति काम इच्छा रखता है और इसके फलस्वरूप अपने पिता को अपना प्रतिद्वद्वी मानता है.
लड़कियों के लिए फ्रायड ने इसी प्रकार एक मिथकीय लड़की इलैक्ट्रा कॉम्प्लेक्स की अवधारणा को रखा है. कहानी के अनुसार इलैक्ट्रा अपनी माँ को मार देती है. इलैक्ट्रा कॉम्प्लेक्स के अनुसार जब एक लड़की तीन से छह साल की उम्र में होती है तो वह अपनी माँ को अपना प्रतिद्वंद्वी मानती है और पिता के प्रति अवचेतन कामभावना रखती है.
फ्रायड के अनुसार छह साल की उम्र के बाद मनोलैंगिक विकास की एक सुप्त अवस्था होती है जिसमें लड़के के अंदर सामाजिक मूल्यों का विकास होता है और ठीक ऐसा ही लड़की के अंदर भी होता है.
इस मनोलैंगिक विकास से गुजरने के बाद ही लड़के या लड़की में सेक्शुअलिटी का पूर्ण विकास होता है जो किशोरावस्था में सामने आता है.
फ्रायड की ईडिपस कॉम्प्लेक्स की अवधारणा हमेशा विवादों में रही है और ज़्यादतर मनोविज्ञानियों का मानना है कि ईडिपस कॉम्प्लेक्स लड़के और माता-पिता के रिश्तों और लड़के की सेक्शुअलिटी के विकास के बीच सम्बन्ध का कुछ ज़्यादा ही सरलीकरण है.
जो भी हो फ्रायड का ईडिपस कॉम्प्लेक्स आज भी मनोविश्लेषकों के बीच शोध का विषय बना हुआ है.