वोयअरिज़म या वॉयरिज़म का अर्थ होता है किसी व्यक्ति को बिना उसकी इजाज़त के देखना खासतौर से इस तरह से देखना जिससे देखने वाले को काम सुख (सेक्शुअल प्लेज़र ) मिले. हिंदी में इसका साधारण सा अनुवाद परदर्शन काम सुख कहा जा सकता है. यूं तो वॉयरिज़म हमेशा से मौजूद रहा है, लेकिन आधुनिक समय में जब विभिन्न प्रकार के कैमरे बहुत आम हो गए हैं तो वॉयरिज़म के भी नए नए रूप देखने को मिल रहे हैं. जो व्यक्ति दूसरों को नग्न देखकर काम सुख हासिल करता है उसे वॉयरिस्ट कहा जाता है.
वॉयरिज़म कई प्रकार का हो सकता है:
पीपिंग टॉम
यह वॉयरिज़म का सबसे आम और सबसे ज़्यादा देखा जाने वाला रूप है. पीपिंग टॉम उन लोगों को कहा जाता है जो किसी व्यक्ति को छुपकर देखते हैं खासतौर से जब देखा जाने वाला व्यक्ति नग्न या अर्ध नग्न हो. जैसे नहाते हुए या कपड़े बदलते हुए.
डिजिटल वॉयरिज़म
इक्कीसवी सदी में जिस तरह से डिजिटल टेक्नोलॉजी ने ज़िन्दगी के हर क्षेत्र में अपनी जगह बनाई है तो वोइरिस्ट यानी वॉयरिज़म करने वाले को भी टेक्नोलॉजी के ज़रिये से नए-नए तरीके मिले हैं. डिजिटल वॉयरिज़म में कई तरह की गतिविधियां आती हैं जैसे किसी के फोन को हैक करके उसमे से फोटो, वीडियो आदि चुरा लेना, किसी के सीसीटीवी या वेबकैम के ज़रिये से उसके अंतरंग फोटो, वीडियो आदि हासिल कर लेना, किसी व्यक्ति के फोटो, वीडियो आदि उसकी बिना इजाज़त के डिजिटल डिवाइस या इंटरनेट आदि पर सर्कुलेट कर देना.
रियलिटी टीवी और सोशल मीडिया वॉयरिज़म
रियलिटी शोज़ और सोशल मीडिआ के ज़रिये से लोग अपने निजी पलों और अंतरंग क्षणों को सभी के साथ साझा करते हैं जो एक प्रकार से लोगों को उनकी ज़िन्दगी में झाँकने के लिए प्रेरित करता है. पैपरेज़ी लोगों की इस वॉयरिज़म को को संतुष्ट करने का एक अनैतिक प्रयास है.
वॉयरिज़म और नैतिकता :
वॉयरिज़म और नैतिकता की बहस हमेशा से गर्म रही है. जहां इस बात में कोई शक नहीं कि किसी की बिना इजाज़त के उसे देखना बिलकुल भी जायज़ नहीं ठहराया जा सकता है, वहीं कुछ लोग का यह भी कहना कि वॉयरिज़म के सभी प्रकार बुरे नहीं होते हैं. जैसे कि सहमति से किया गया वॉयरिज़म. अंत में सारांश यह ही है कि चूँकि परिभाषा के अनुसार वॉयरिज़म बिना इजाज़त के किया जाता है. इसलिए वॉयरिज़म सामजिक और नैतिक रूप से अमान्य ही माना जायेगा.
स्थिति तब गंभीर हो जाती है जब कोई कम्पलसिव (अपने आप से मजबूर होकर यानी उसका स्वयं पर नियंत्रण नहीं रहा ) वॉयरिस्ट बन जाता है. ऐसा व्यक्ति एक सामाजिक संकट बन जाता है.
साथ ही वॉयरिज़म का पता जब उस व्यक्ति को चलता है जो उसका शिकार बन रहा है यानि जिसको देखा जा रहा है, वह उस व्यक्ति पर बहुत ही हानिकारक और स्थायी प्रभाव डालता है.
वॉयरिज़म और पोर्नग्राफी में अंतर
वॉयरिज़म और पोर्नोग्राफी दोनों में किसी व्यक्ति को नग्न देखकर सेक्स संतुष्टि हासिल की जाती है परन्तु दोनों में एक मूल अंतर है और वह है वॉयरिज़म में जिस व्यक्ति को देखा जाता है उसकी सहमति शामिल नहीं होती है जबकि शब्द पोर्नोग्राफी मुख्य तौर पर उस फिल्म, वीडियो, ऑडियो, फोटो के लिए इस्तेमाल किया जाता है जिसे व्यक्ति स्वेच्छा से दूसरों को देखने के लिए उपलब्ध कराता है.