कामक्रिया यानी सेक्स लगभग सभी जीवधारियों खासतौर से बड़े जानवरों में यूनिवर्सल रूप से मौजूद है. कामक्रिया में दो विपरीतलिंगी मिलन करते है जिसमे नर अपने जनन द्रव्य को मादा की योनि में डालता है और इस तरह संतान उत्पत्ति का आधार बनता है. मनुष्य की ख़ास बात यह है कि मनुष्य हर एक क्रिया को कलात्मक ढंग से करता है जैसे खाने में स्वाद की कला, सुनने में संगीत की कला, सूंघने में सुगंध की कला. सेक्स भी मनुष्य के कलात्मक एंगल से अछूता नहीं है. सेक्स की इस कला के कई पहलुओं में से एक पहलू है सेक्स पोज़िशन. यानी जब सेक्स किया जाता है तो स्त्री और पुरुष किस तरह से अपने शरीरों को एक दूसरे के संपर्क में लाते है. सेक्स पोज़िशन के बारे में वात्स्यायन के कामसूत्र से लेकर लगभग हर सेक्स गाइड में बहुत विस्तार से वर्णन किया गया है. अलग-अलग सेक्स पोज़िशन यानी सम्भोग मुद्राएं न सिर्फ सेक्स को और अधिक आनंदमयी बनती हैं बल्कि ये सेक्स में वैराइटी भी पैदा करती हैं.
कई बार एक विशेष प्रकार की सेक्स पोज़िशन सेक्स में एक विशेष मकसद को पूरा करने के लिए होती है.
आइये जानते हैं कुछ मुख्य सेक्स पोज़िशन्स के बारे में.
मिशनरी पोज़िशन
इसे सबसे बेसिक सेक्स पोज़िशन माना जा सकता है. इसमें स्त्री अपने कमर के बल लेटती है और पुरुष उसके ऊपर इस तरह से झुकता है कि दोनों के जनन अंग एक दूसरे के आमने सामने होते हैं. पुरुष स्त्री को लगभग पूरी तरह से ढक लेता है. इसको मिशनरी पोज़िशन इसलिए कहा जाता है क्योंकि इसे धार्मिक रूप से सबसे शालीन सेक्स पोज़िशन माना जाता है. इस पोज़िशन में सेक्स करते हुए स्त्री और पुरुष एक दूसरे को देख सकते हैं, किस कर सकते हैं और इस तरह से इससे घनिष्टता बढ़ती है.
डॉगी स्टाइल
इसमें स्त्री अपने घुटनों के बल एक चौपाये की पोज़िशन में रहती है और पुरुष पीछे से स्त्री में प्रवेश करता है. इसमें पुरुष स्त्री को डीप एम्ब्रेस ( घनिष्ठ आलिंगन ) देता है. यह पोज़िशन स्टाइल और डीप पेनिट्रेशन की वजह से युवा लोगों में काफी लोकप्रिय होती है.
काउबॉय पोज़िशन
इसमें पुरुष बैठने की पोज़िशन में रहता है और स्त्री पुरुष के ऊपर इस तरह बैठती है कि स्त्री का मुख और पुरुष का मुख एक ही दिशा में रहता है और पुरुष स्त्री को पीछे की तरफ से आलिंगन भी दे सकता है. इसमें स्त्री का सेक्स की क्रिया पर पूरा नियंत्रण रहता है.
स्पूनिंग
पुरुष और स्त्री दोनों करवट के बल लेटते हैं और पुरुष स्त्री के पीछे रहता है. यह क्रिया रिलैक्स्ड सेक्स के लिए हैं और ज़्यादा डीप पेनिट्रेशन इसमें संभव नहीं होता है.
सिक्स्टी नाइन पोज़िशन
यह ओरल सेक्स के लिए इस्तेमाल की जाने वाली सेक्स पोज़िशन है. इसमें स्त्री और पुरुष दोनों एक दूसरे के ऊपर इस तरह लेटते हैं कि एक का जनन अंग दूसरे के मुंह के संपर्क में रहता है. यह भी काफी लोकप्रिय सम्भोग मुद्रा है.
लोटस पोज़िशन
यह भी काउबॉय जैसी ही सम्भोग मुद्रा है. सिमें भी पुरुष नीचे बैठने की मुद्रा में होता है और स्त्री उसके ऊपर उसकी तरफ को मुंह करके बैठती है. स्त्री और पुरुष इस सेक्स पोज़िशन में एक दूसरे को बाँहों में ले सकते हैं और चुम्बन भी कर सकते हैं. इसमें भी काम क्रिया की गति पर स्त्री का ही नियंत्रण रहता है.
बटरफ्लाई पोज़िशन या तितली सम्भोग मुद्रा
इसमें स्त्री बेड पर इस तरह से लेटती है कि उसकी योनि बेड के किनारे पर होती है और टांगें बेड से आगे निकली रहती हैं. पुरुष बेड के किनारे फर्श पर खड़ा होकर लिंग को योनि में प्रवेश कराता है. सम्भोग के समय स्त्री के पैर पुरुष के कन्धों पर रहते हैं. यह मुद्रा भी डीप पेनिट्रेशन के लिए इस्तेमाल होती है.