हम सभी जानते हैं कि भारत में आयुर्वेदिक जड़ी बूटियों का इस्तेमाल प्राचीनकाल से ही रोगों को ठीक करने के लिए किया जाता रहा है,और आयुर्वेद के ख़ज़ाने में ऐसी बहुत सारी जड़ी बूटियां विद्यमान हैं जो शरीर की लगभग सभी बीमारियों का इलाज करने में सक्षम है। Guys, आज के article में हम एक ऐसी ही multi functional और गुणकारी हर्ब के बारे जानेंगे जिसका नाम है शतावरी। यह ट्रॉपिकल और पहाड़ी क्षेत्रों में पायी जाती है और भारत में हिमालयी क्षेत्र में यह प्राकर्तिक रूप से देखी जा सकती है। शतावरी का botanical name ‘Asparagus Racemosus’ होता है, इसकी खेती वर्ष में एक बार होती है और यह एक प्रकार की shrub है जो 3-6 फ़ीट की ऊंचाई तक बढ़ती है। इस हर्ब में शरीर को पोषण देने वाले बहुत से पोषक तत्व जैसे प्रोटीन, फाइबर, कार्बोहाइड्रेट, मैग्नीशियम, कैल्शियम, आयरन, ग्लूटाथिओन, विटामिन्स और मिनरल्स पाए जाते हैं। इसके साथ ही इसमें anti inflammatory, anti oxidant, anti cancer, adaptogenic, aphrodisiac, libido booster आदि प्रॉपर्टीज पायी जाती हैं। शतावरी में कुछ main chemical constituent जैसे Steroidal, Saponins, Racemosus, Mucilage, Alkaloids, immunoside, और schidigerasaponin भी पाए जाते हैं।
यह हर्ब अपने उच्च औषिधीय गुणों के कारण human health को इम्प्रूव करती है, शारीरिक शक्ति व स्टैमिना बढ़ाती है, मस्तिष्क की कार्य प्रणाली सुधारती है, त्वचा में निखार लाती है और हड्डियां मज़बूत बनाती है। चलिए इसके हेल्थ बेनिफिट्स के ऊपर एक एक करके नज़र डालते हैं

शतावरी खाने के फायदे
पुरुष यौन स्वास्थ्य को सुधारती है
शतावरी पुरुषों की विभिन्न सेक्स समस्याओं को दूर करने में लाभदायक है, यह पुरुषों में लिंग में आये ढीलेपन को दूर करती है, penile tissues को मज़बूती देती है और premature ejaculation को ठीक करती है। यह male fertility को इम्प्रूव करने में भी बहुत अच्छी है, इसके लगातार सेवन से शुक्राणुओं की संख्या और गुणवत्ता दोनों बढ़ते है और स्वपन दोष व semen disabiltiy को भी ठीक किया जा सकता है। शतावरी में एंटी ऑक्सीडेंट और ग्लूटाथियोन नामक तत्व पाए जाते हैं, जो शरीर में मुक्त कणों के प्रभाव को कम करते हैं, early ageing को रोकते हैं साथ ही इसमें मौजूद एंटी कैंसर प्रॉपर्टीज प्रोस्टेट कैंसर के रिस्क को कम करती है। बहुत सारे पुरुष थकान या कमज़ोरी के कारण सदैव थके थके से रहते हैं, जिसके कारण उनकी सेक्स लाइफ बुरी तरह से प्रभावित होती है, शतावरी पुरुषों में शारीरिक शक्ति व सहनशीलता में वृद्धि करती है, शरीर में ऊर्जा का संचार करती है, और performance anxiety को भी कम करती है।
महिला यौन स्वास्थ्य को सुधारने में सहायक
शतावरी महिलाओं में libido इम्प्रूव करती है, महिलाओं में पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द को कम करती है और महिलाओं में मीनोपॉज के बाद होने वाली समस्याओं को भी ठीक करती है। शतावरी महिलओं में हार्मोनल इम्बैलेंस को ठीक करती है, प्रजनन क्षमता को सुधारती है, गर्भधारण की सम्भावना को बढ़ाती है और गर्भपात होने से रोकती है। जो महिलाएं बहुत दुबली पतली हैं और वज़न वृद्धि करना चाहती हैं तो वो किसी अच्छे डॉक्टर से कंसल्ट करके शतावरी का इस्तेमाल कर सकती हैं उन्हें निश्चित ही लाभ मिलेगा। शतावरी एंटी ऑक्सीडेंट से भरपूर होती है जिसकी वजह से यह महिलाओं में समय से पहले बुढ़ापे के लक्षणों को आने से रोकती है, और इसमें मौजूद phytoestrogens ब्रैस्ट एंलार्जेमेंट के लिए बहुत अच्छे होते हैं, इतना ही नहीं जिन females में मिल्क प्रोडक्शन कम होता है वो भी शतावरी का प्रयोग कर सकती हैं क्योंकि यह herb एक अच्छे galactogogue के रूप में काम करती है, प्रोलैक्टिन हॉर्मोन secretion को उत्तेजित करती है और दुग्ध निर्माण बढ़ाने में बहुत अच्छा रिजल्ट देती है। शतावरी में folate अच्छी मात्रा में होता है, इसी कारण से महिलाओं में खून की कमी को दूर करती है और यह हर्ब पीसीओडी व पीसीओएस को मैनेज करने में भी इस्तेमाल की जा सकती है। शतावरी females का शारीरिक स्वास्थ्य सुधारने के साथ मानसिक स्वास्थ्य भी उन्नत बनाती है, कई स्टडीज में सामने आया है कि शतावरी चिंता और अवसाद को कम करती है और शरीर में सेरोटोनिन हॉर्मोन का निर्माण बढ़ाती है जिससे आनंदायक अनुभूति है।
शतावरी पाचन को सुधारती है
शतावरी पेट दर्द कम करती है, वात पित्त दोष को दूर करती है, और जिन लोगों को खाना देर से पचता है या भारीपन महसूस होता है उनके लिए शतावरी एक अच्छा आयुर्वेदिक उपाय है। शतावरी में एंटी इंफ्लेमेटरी, एंटी अलसर, soothing और calming प्रॉपर्टीज होती हैं, जिनकी मदद से यह peptic ulcer (पेट की सुरक्षात्मक झिल्ली में घाव हो जाना), intestinal ulcer आदि रोगों में काफी लाभदायक है। शतावरी पेट की विभिन्न समस्याओं जैसे कब्ज़, डायरिया, दस्त, गैस बनना आदि problems को भी ठीक करने में हेल्पफुल है।
वेट मैनेजमेंट में सहायक
शतावरी में सोल्यूबल और नॉन-सोल्यूबल डायटरी फाइबर होता है जो शरीर में जमा चर्बी को घोलने में मदद करता है साथ ही इसमें कैलोरी की मात्रा बहुत कम होती है इसीलिए वज़न कम करने के लिए शतावरी का इस्तेमाल किया जा सकता है।
Guys, वज़न घटाने और बढ़ाने दोनों के लिए इस हर्ब को use किया जा सकता है, लेकिन यह दो अलग अलग कंडीशन हैं इसलिए दोनों स्थितियों में शतावरी को खाने का तरीका और मात्रा डिफरेंट होंगी, जिसे आप किसी अच्छे डॉक्टर या हेर्बलिस्ट से कंसल्ट कर सकते हैं।
डायबिटीज मैनेजमेंट में सहायक
हम जानते हैं डायबिटीज एक life threatening disease है, जिसमे शरीर में रक्त ग्लूकोस की मात्रा बढ़ जाती है जिसका एक बड़ा कारण अग्नाशय के द्वारा पर्याप्त इन्सुलिन का निर्माण न होना होता है। शोधों में सामने आया है कि शतावरी इन्सुलिन प्रोडक्शन बढ़ाती है जिससे ब्लड में मौजूद एक्स्ट्रा ग्लूकोस ग्लाइकोजन के रूप में लिवर में स्टोर हो जाता है।
मूत्र सम्बन्धी रोगों के उपचार में सहायक
शतावरी यूरिनरी सिस्टम से जुडी विभिन्न परेशानियों को ठीक करती है, जिन लोगों को urination के समय दर्द या जलन होने की प्रॉब्लम होती है उनके लिए शतावरी रामबाण इलाज है। शतावरी के इस्तेमाल से मूत्र निर्माण बढ़ता है, ऐसा होने से शरीर के harmful substances यूरिन के साथ बॉडी से excrete out हो जाते हैं और किडनी हेल्थ भी इम्प्रूव होती है।
शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को मज़बूत बनाती है
बहुत सारी बीमारियां हमे इसलिए घेर लेती हैं क्योंकि हमारी इम्युनिटी वीक होती है, शतावरी बॉडी के इम्यून सिस्टम को मज़बूत बनती है और सामान्य सर्दी ज़ुकाम के असर को कम करती है। शतावरी शरीर पर आक्रमण करने वाले रोग के जीवाणुओं से लड़ने में शरीर की मदद करती है, वाइट ब्लड सेल और एंटीबाडी निर्माण को बढ़ाती है व शरीर को आंतरिक व बाह्य मज़बूती प्रदान करती है।
अन्य लाभ-
- शतावरी मानसिक स्वास्थ्य सुधारती है, न्यूरोन्स को सपोर्ट करती है और संज्ञानात्मक विकास (cognitive development) में मदद करती है।
- यह शवासन सम्बन्धी विभिन्न रोगों जैसे अस्थमा, खांसी, ब्रोंकाइटिस आदि रोगों को ठीक करती है।
- यह शराब की लत को कम करती है।
- यह ह्रदय को स्वस्थ बनाये रखने में सहायक है।
- यह शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल को कण्ट्रोल करने में बेनेफिशियल है।
- यह कैंसर के रिस्क को कम करती है।
शतावरी खाने का तरीका – खुराक और सावधानियाँ
शतावरी को पाउडर, एक्सट्रेक्ट और टेबलेट तीनो फॉर्म में खाया जा सकता है, पाउडर के रूप में इसे 3-5 ग्राम प्रतिदिन हल्के गरम दूध या पानी से लेने की सलाह दी जाती है। एक्सट्रेक्ट के रूप में इसकी 30 ड्रॉप्स आप ले सकते हैं और टेबलेट फॉर्म में 1 या 2 टेबलेट प्रतिदिन ली जासकती हैं। बेहतर होगा अगर आप इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर से कंसल्ट करें जिससे आपकी आयु, लिंग और स्थिति के अनुसार dose निर्धारित की जा सके।
शतावरी खाने के साइड इफेक्ट्स
वैसे तो प्राकर्तिक जड़ी बूटियों और तत्वों के दुष्प्रभावों की संभावना बहुत कम होती है लेकिन फिर भी कुछ hypersensitive लोगों में शतावरी के सेवन से निम्नलिखित साइड इफ़ेक्ट देखने को मिल सकते हैं-
- बेचैनी
- ह्रदय गति बढ़ना
- उल्टी आना
- चक्कर आना
- स्किन एलर्जी आदि
नोट– चूँकि शतावरी Asparagus family से सम्बंधित है तो जिन लोगों को Asparagus से एलर्जी है उन्हें शतावरी का इस्तेमाल न करने की सलाह दी जाती है।








