


विदारीकंद एक आयुर्वेदिक लताधारी पौधा होता है, जिसकी लताएं मोटी होती हैं और इसकी जड़ में भूमि के अंदर कई हिस्सों में कन्द होती हैं, इसी कारण इसका नाम विदारीकंद है, क्योंकि यही कन्द actual में as a herb इस्तेमाल की जाती हैं। हालाँकि विदारीकंद के फूल और पत्तियों में भी औषधिये गुण होते हैं, लेकिन ज़्यादातर दवाओं में इस पौधे के कन्दों का ही प्रयोग किया जाता है। विदारीकंद ‘Fabaceae’ कुल से सम्बंधित है और इसका scientific name ‘Pueraria tuberosa’ है और यह पहाड़ी इलाकों जैसे हिमालय के तराई क्षेत्रों में लगभग 1300 मीटर की ऊंचाई तक पायी जाती है, इसके अलावा यह नदी नालों आदि के किनारों के पास भी आसानी से देखी जा सकती है। इस बारहमासी जड़ी बूटी (पूरे साल उगने वाली) को सुराल, क्षीरशुक्ला, स्वादुकन्द, भुइकुम्भड़ा, इंडियन कुडजू आदि नामों से भी जाना जाता है और क्योंकि विदारीकंद की चक्राकार आरोहिणी लताएं घोड़ों को बहुत पसंद होती हैं इसलिए इसे वाजिप्रिया भी कहा जाता है। इसकी nutritional profile की बात करें तो इसमें alkaloids, coumarins, carbohydrates, glycosides, steroids, tannins, terpenoids, flavonoids, and anthocyanidins आदि तत्व पाए जाते हैं। इसमें anti inflammatory , hypocholesterolemia, neuro protective, anti bacterial, anti fungal, anti viral, anti oxidants, anti diabetic, cardio protective, aphrodisiac आदि प्रॉपर्टीज भी पायी जाती हैं, जो स्वास्थ्य को बढ़ाने व विभिन्न रोगों को ठीक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं, इसके अलावा इसमें शीतल, मधुर, शुक्रवर्धक, स्तन्यवर्धक, बलकारक, मूत्रकारक, वात पित्त दोष ठीक करने वाले आदि गुण भी पाए जाते हैं।
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Is article me hum janenge, Vidari kand khane ka tarika, iske fayde, iski khurak (dose) aur possible side effects ke bare me
Vidari Kand Health Benefits in Hindi
चलिए अब एक एक करके इसके benefits के ऊपर नज़र डालते हैं-
Diabetes Mallitus में फायदेमंद है
डायबिटीज एक बहुत कॉमन बीमारी है, जिससे बहुत बड़ी जनसख्यां प्रभावित है, इस कंडीशन में विदारीकंद बहुत फायदेमंद साबित हो सकता है। इसके इस्तेमाल से रक्त शर्करा का स्तर नियंत्रित होता है और इसकी anti inflammatory व anti oxidants properties अग्नाशय (pancreas) की बीटा सेल्स में हुए डैमेज को ठीक करती है जिससे इन्सुलिन हॉर्मोन का secretion बढ़ता है और एक्स्ट्रा ग्लूकोस ग्लाइकोजन के रूप में स्टोर हो जाता है। इसके साथ ही विदारीकंद diabetic nephropathy (यानी डायबिटीज के कारण हुए किडनी डैमेज) diabetic retinopathy (डायबिटीज के कारण आंख में हुए डैमेज) को भी ठीक करने में सहायक है।
पुरुषों के यौन स्वास्थ्य को सुधारने में सहायक
इस औषधि में कामोत्तेजक गुण होते हैं जो पुरुषों में यौन इच्छा व यौन शक्ति बढ़ाने में helpful है। इसके सेवन से पुरुषों में शारीरिक शक्ति व सहनशीलता में वृद्धि होती है, लिंग की शिथिलता दूर होती है, शुक्राणुओं की संख्या व गुणवत्ता में भी वृद्धि होती है। बहुत सारे पुरुषों के लिंग में सम्भोग के समय कठोरता नहीं आ पाती है, इस समस्या के समाधान के लिए आप विदारीकंद को प्रयोग कर सकते हैं, इसके रेगुलर इस्तेमाल से penile weakness दूर होती है, असमय लिंग स्खलन की समस्या दूर होती है और वीर्य दोष व स्वप्न दोष आदि रोगों के उपचार में भी यह सहायक है।
पुरुषों में अक्सर performance anxiety देखी जाती है, जिसका बुरा असर sexual timing पर देखा जा सकता है, ऐसे में आप विदारीकंद के चूर्ण का सेवन कर सकते हैं क्योंकि ये तनाव व चिंता को कम करती है और शरीर में टेस्टोस्टेरोन हॉर्मोन के उत्पादन को बढ़ाती है जो की पुरुषों में यौन इच्छा व यौन प्रदर्शन के लिए बेहद आवश्यक है।
महिलाओं के स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में सहायक
विदारीकंद पुरुषों की सेक्स पावर बढ़ाने के साथ ही महिलाओं की हेल्थ को इम्प्रूव करने में भी लाभदायक है। इसके इस्तेमाल से महिलाओं में मासिक धर्म सम्बन्धी परेशानियां दूर होती हैं जैसे मेंस्ट्रुअल क्रैम्प्स, इर्रेगुलर पीरियड्स, post menopausal syndrome आदि। इसके साथ विदारीकंद महिलाओं में गर्भाशय की कमज़ोरी दूर करती है, गर्भधारण में मदद करती है और प्रसव के बाद गर्भाशय के दर्द को ठीक करने में मदद करती है।
मिल्क प्रोडक्शन में सहायक
कुछ females में after pregnancy दुग्ध उत्पादन बहुत कम होता है, यह condition काफी critical होती है क्योंकि infant पूरी तरह mother milk पर ही depend करता है और दुग्ध स्त्राव कम होने के कारण फीमेल अपने baby की requirments को पूरा नहीं कर पाती है। ऐसे में vidarikand का प्रयोग बेस्ट है, क्योंकि महिलाओं में यह हर्ब प्रोलैक्टिन हॉर्मोन के उत्पादन को बढ़ाती है, इसके सेवन से females mammary gland मिल्क प्रोडक्शन के लिए stimulate होती है और दुग्ध निर्माण बढ़ जाता है।
Immunity boost करने में सहायक
जैसा कि ऊपर बताया गया है कि विदारीकंद में बेहतरीन anti oxidant, immune boosting, restorative properties पायी जाती हैं, जो शरीर में फ्री रेडिकल डैमेज को रोकती हैं और foreign substance के अटैक से भी शरीर को लड़ने में सक्षम बनाती हैं जिससे शरीर कम बीमार पड़ता है और हेल्थ इम्प्रूव होती है। विदारीकंद के सेवन से सर्दी ज़ुकाम, बुखार, टॉन्सिल्स, खांसी, सिर दर्द आदि रोग ठीक होते हैं और बॉडी में होने वाले बैक्टीरियल व फंगल इन्फेक्शन के ट्रीटमेंट में भी यह लाभदायक है।
खून की कमी दूर करती है
विदारीकंद के इस्तेमाल से aneamia को ठीक किया जा सकता है, इसके साथ ही खून के कमी के सिम्पटम्स जैसे चक्कर आना, कमज़ोरी, हाथों पैरों में झनझनाहट (pin and needle sensation) आदि प्रोब्लेम्स भी ठीक होने लगती हैं।
Heart हेल्थ इम्प्रूव करने में सहायक
इस हर्ब में anti hypertensive properties पायी जाती हैं, इसी कारण जिन लोगों को hypertension की परेशानी है वो इसका सेवन करें तो काफी फायदा देखने को मिलेगा। इसके अलावा यह कोलेस्ट्रॉल, triglycerides आदि को control करने में सहायक है, और यह चेस्ट पैन यानि Angina को ठीक करने में भी मदद करती है।
वज़न बढ़ाने में सहायक है
विदारीकंद में कार्बोहायड्रेट और प्रोटीन अच्छी मात्रा में पाया जाता है और इसी वजह से malnourished (underweight) लोगों में इसके सेवन से मांसपेशियों का विकास होता है, शरीर में बल में वृद्धि होती है और वज़न भी बढ़ता है।
याददाश्त मज़बूत करने में सहायक है
विदारीकंद अच्छे nervine tonic के रूप में काम करता है, यह मस्तिष्क में ब्लड फ्लो तेज़ करता है, जिससे न्यूरॉन्स को पर्याप्त ऑक्सीजन की सप्लाई हो पाती है और मस्तिष्क की कार्यप्रणाली बेहतर हो जाती है। यह हर्ब nerve cells को सपोर्ट करती है, मुक्त कणों के प्रभाव से मस्तिष्क कोशिकाओं की रक्षा करती है और occasional forgetfulness को ठीक करती है।
मूत्र रोगों को ठीक करने में सहायक
विदारीकंद मूत्र संस्थान के विभिन्न रोगों और संक्रमणों को ठीक करने में सहायक है, इसके प्रयोग से painful micturition, itching, inflammation आदि कॉम्प्लीकेशन्स को ठीक किया जा सकता है।
स्किन व बालों के लिए उपयोगी
विदारीकंद त्वचा सम्बन्धी विभिन्न रोगों जैसे दाने, फुंसियां, इन्फेक्शन, रिंकल्स, डार्क सर्कल्स आदि को ठीक करती है, यह damaged skin cells को रिपेयर करने में हेल्प करती है, फ्री रेडिकल डैमेज से स्किन की सुरक्षा करके early ageing को रोकती है। यह हर्ब बालों की ग्रोथ के लिए भी अच्छी है, इसके इस्तेमाल से डैंड्रफ, हेरफल, dull hair आदि समस्याएं ठीक की जा सकती हैं और बालों को चमकदार, घना व स्वस्थ बनाया जा सकता है।
कैंसर से बचाव करने में सहायक
विदारीकंद में anti carcinogenic गुण पाए जाते हैं इसलिए ये कैंसर सेल्स फार्मेशन को रोकती हैं और शरीर में कैंसर जैसी सीरियस बीमारी नहीं होने देती है।
- अन्य लाभ- यह digestion इम्प्रूव करती है।
- घाव, सूजन, inflammation ठीक करती है।
- लिवर सम्बन्धी रोगों को ठीक करती है।
- बॉडी detox करने में हेल्पफुल है।
- मीनोपॉज के दौरान महिलाओं में वेजिनल डॉयनेस, वीकनेस और मुँह का सूखना आदि समस्याओं को ठीक करती है।
विदारी कंद के साइड इफेक्ट्स
वैसे तो यह एक आयुर्वेदिक औषधि है जिसकी तासीर ठंडी होती है और आमतौर पर इसका कोई दुष्प्रभाव देखने को नहीं मिलता है, लेकिन कुछ hypersensitive लोगों में निम्नलिखित साइड इफेक्ट्स सामने आ सकते हैं जैसे-
- स्किन एलर्जी जैसे त्वचा पर लाल चकत्ते बनना, खुजली होना, रेडनेस आदि होना।
- शारीरिक बेचैनी
- पेट सम्बन्धी गड़बड़ियां
- चक्कर आना
- उल्टी आना आदि
खाने का तरीका – Khane ka Tarika (Dosage of Vidari Kand)
विदारीकंद को पाउडर के रूप में 3-5 ग्राम प्रतिदिन लिया जा सकता है, इसे आप खाने के बाद गुनगुने पानी, दूध घी या शक्कर के साथ ले सकते हैं। ज़्यादा बेहतर होगा कि आप इसका सेवन शुरू करने से पहले डॉक्टर से कंसल्ट करें जिससे वो आपकी आयु, लिंग, और रोग की अवस्था के अनुसार दवा निर्धारित कर सके, उसके बाद निर्धारित मात्रा में ही आपको इसका सेवन करना चाहिए।








